बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद बदलाव सिर्फ मंत्रिमंडल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब उसका असर नेताओं के सरकारी आवासों तक साफ दिखने लगा है. पटना के वीआईपी इलाके में स्थित 10 सर्कुलर रोड बंगले को लेकर सियासी हलचल उस वक्त तेज हो गई, जब आधी रात के अंधेरे में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) के आवास से सामान बाहर ले जाने की गतिविधियां सामने आईं. यह वही बंगला है, जहां लालू परिवार पिछले करीब दो दशकों से रह रहा था और जिसे अब भवन निर्माण विभाग के आदेश के बाद खाली किया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, देर रात चार से पांच छोटी-बड़ी गाड़ियों के जरिए बंगले से सामान निकाला गया. शुरुआती चरण में गार्डन से जुड़े पौधे, गमले और सजावटी सामग्री शिफ्ट की गई. इन सभी को गोला रोड स्थित एक गौशाला में अस्थायी रूप से रखा गया है. प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि यह प्रक्रिया सरकारी आदेश के तहत की जा रही है और बंगला पूरी तरह खाली करने की दिशा में यह पहला कदम है. दिलचस्प बात यह है कि जिस समय यह शिफ्टिंग हो रही थी, उस वक्त लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव दोनों पटना से बाहर थे.
दरअसल, भवन निर्माण विभाग ने 25 नवंबर को ही राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास खाली करने का नोटिस जारी कर दिया था. नोटिस में स्पष्ट किया गया था कि बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के पद के अनुरूप उन्हें हार्डिंग रोड स्थित आवास संख्या 39 आवंटित किया गया है. आज 25 दिसंबर को नोटिस को एक महीना पूरा हो चुका है, और इसी बीच आधी रात में सामान शिफ्ट होने की तस्वीरों ने राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा छेड़ दी है. हालांकि, राष्ट्रीय जनता दल की ओर से अब तक आधिकारिक तौर पर यह पुष्टि नहीं की गई है कि शिफ्टिंग पूरी तरह शुरू हो चुकी है या नहीं.
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर बीजेपी ने आक्रामक रुख अपना लिया है. पार्टी का कहना है कि यदि आवास खाली करने की प्रक्रिया पूरी तरह नियमों के अनुसार थी, तो फिर इसे दिन के उजाले में क्यों नहीं किया गया. बीजेपी नेताओं के मुताबिक, आधी रात में सामान निकालना कई सवाल खड़े करता है और इससे संदेह पैदा होता है कि कहीं कुछ छिपाने की कोशिश तो नहीं की जा रही थी.
यूपी SIR में 2.89 करोड़ नाम कटने की कगार पर.. फाइनल ड्राफ्ट 31 दिसंबर को होगी जारी
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस मामले को लेकर राबड़ी देवी और लालू परिवार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि दिन में मीडिया और जनता के सामने आवास खाली करने में क्या परेशानी थी. नीरज कुमार का आरोप है कि सरकारी संपत्ति का लंबे समय तक दुरुपयोग किया गया और अब सवालों से बचने के लिए रात का सहारा लिया गया. उन्होंने तंज कसते हुए यह भी कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि कोई “खजाना” था, जिसे चुपचाप बाहर निकालना जरूरी हो गया. नीरज कुमार ने मांग की कि राबड़ी देवी को खुद सामने आकर जनता को बताना चाहिए कि 10 सर्कुलर रोड के सरकारी बंगले का इस्तेमाल किन-किन उद्देश्यों के लिए किया गया.






















