[Team insider] प्रकृति पर्व सरहुल के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सोमवार को सिरम टोली स्थित सरना स्थल पहुंचे और पारंपरिक विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर ईश्वर से राज्यवासियों की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की। मौके पर मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों को प्रकृति पर्व सरहुल की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य की जनता से अपील किया कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में सावधानी अवश्य बरतें। स्वयं के साथ-साथ अपने परिजनों का भी विशेष ख्याल रखें। वहीं सीएम ने रांची यूनिवर्सिटी के भाषा एवं जनजातीय विभाग और आदिवासी हॉस्टल में आयोजित सरहुल पूजा में भी शामिल हुए।
कोरोना संक्रमण को लेकर जारी गाइडलाइन का अनुपालन करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण की स्थिति में भी हमें परंपरा को अक्षुण्ण रखना है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पूरा अनुपालन करें। पर्व-त्यौहार अपने घरों पर रहकर ही मनाने का कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी परंपरा को सीमित संसाधनों के बीच आगे ले जाना हमारा कर्तव्य है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री मधुपुर दौरे से वापस रांची लौटते ही एयरपोर्ट से सीधे सिरम टोली स्थित सरना स्थल पहुंचे। मुख्यमंत्री को सरना स्थल पर पाहन रोहित हंस ने विधिवत पूजा-अर्चना करायी।
प्राकृतिक के हर चीजों से जुड़े हैं आदिवासी समाज के लोग
सीएम ने कहा कि हमारे अगुआ और मार्गदर्शक लोग रहे जैसे डॉ. राम दयाल मुंडा का कहना था हम आदिवासियों का बोलना ही और चलना ही संगीत है और इसलिए झलकता है क्योंकि आज के दिन बिना द्वेष, कोसों दूर गांव लोगों हो या शहर के बिल्डिंग में रहने वाले लोग, गरीब हो या अमीर हो सभी आज सरहुल में उपस्थित होकर अपनी सभ्यता अपनी संस्कृति पर बात करते हैं। हम आदिवासी समाज के लोग प्राकृतिक से जुड़े हर चीजों के प्रति जो संवेदनाएं हैं, वह कहीं और देखने को मिलेगा। शायद इस धरती के सृजन में उत्पत्ति हुआ तो और आदिवासी समाज की भुमिका रही है। आज मानव सभ्यता में अगर कहा जाए कोई भी चीजें हमें दिखती है तो तो उसके पीछे कहीं न कहीं आदिवासी समाज की झलक मिलती है। यहां पर पेड़ के पीछे जो जड़ें हैं वह जड़े आदिवासियों का है।