बिहार की सत्ताधारी दलों के बीच समान नागरिक संहिता (Common Civil Code) का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। जहां एक तरफ भाजपा नेताओं ने इस पर अपनी सहमति जताई है वहीं जदयू लगातार इसका विरोध करने में लगी हुई है। दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जब से भाजपा शासित राज्यों में कॉमन सिविल कोड जारी करने की बात कही है तब से जदयू के नेता और विधायक लगातार इस पर टिपण्णी करने में लगे हुए है। साथ ही बिहार के मुख्य विपक्षी दल राजद के नेता तेजस्वी यादव ने भी समान नागरिक संहिता का विरोध किया है। जिसके बाद भाजपा मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने तेजस्वी पर पलटवार किया है।
सहयोगी दल से होगी चर्चा
भाजपा मंत्री ने कहा कि भारत में राम मंदिर के निर्माण की बात हो, धारा 370 हो या फिर तीन तलाक कानून का मुद्दा हो, इन सब को लागु करने से पहले हमने अपने सहयोगी दलों की सहमति ली है। वहीं जदयू से इस विषय पर विचार विमर्श किया जाएगा उसके बाद ही यह कानून बनेगा। हालांकि जो कानून देश के लिए जरूरी होगा, उसे लागू किया ही जाएगा। भारत के हित में हमें उम्मीद है कि हमारे सभी सहयोगी दल हमें सहयोग देंगे। साथ ही उन्होंने कॉमन सिविल कोड देश के लिए बहुत जरूरी बताया।
लोकतंत्र में मिले है सबको बराबर अधिकार
बता दें कि अमरेंद्र प्रताप सिंह ने तेजस्वी पर हमला करते हुए कहा कि जैसे लोकतंत्र का हक सभी के पास है। वैसे ही तेजस्वी के पास भी है। वह विपक्ष के नेता है इसलिए उन्हें सरकार से सवाल पूछने का पूरा अधिकार है। उनके सवालों का सरकार जरुर जवाब देगी कि सरकार ने अब तक क्या किया है। हालांकि राज्य की जनता को सब पता है कि किस क्षेत्र में कितना विकास हुआ है।