एनटीपीसी में कोयले की कमी के कारण बिहार में बिजली संकट गहराने लगा है। जहां पटना समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में बिजली की कटौती की जा रही है। जिसके कारण बिजली की आंख मिचौनी जारी है। बिहार में भीषण गर्मी के कारण लोगों की परेशानी और बढ़ गई है। इस भयंकर गर्मी में शहरों की बिजली की कटौती चार-चार घंटों तह वहीं गांवों में आठ से दस घंटों तक की जा रही है।
बिजली विभाग के पसीने छूट रहे
गर्मी के दिनों में अक्सर बिजली की खपत बढ़ जाती है क्योंकि अधिकांश लोग कूलर, एसी, पंखा का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करने लगते हैं। वहीं लोग गर्मी से बचने के लिए अपने घरों में रहना ज्यादा पसंद करते हैं। जिसका नतीजा है कि इन दिनों प्रदेश के बिजली विभाग के पसीने छूट रहे हैं। हालांकि प्रदेश को को 6200 से 6500 मेगा वाट बिजली की जरूरत होती है पर 45 से 5000 मेगा वाट बिजली की ही आपूर्ति हो पा रही है।
मेंटेनेंस के नाम पर बिजली की कटौती
वैसे में बिजली विभाग मेंटेनेंस के नाम पर बिजली की कटौती कर रही है। गौरतलब कि ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने स्वीकार किया है था कि पूरे देश के साथ बिहार भी बिजली संकट से लड़ रहा है। बिहार में बिलजी कि कमी को लेकर उन्होंने कहा कि हम लोग भारत सरकार से बात कर रहे है। वहीं बिहार में अब करीबन 1000 मेगावाट बिजली की कमी दिख रही है।
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