धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए जाने का सवाल बिहार तक पहुंच चुका है। यहां भी इस पर बहस और प्रतिक्रिया तेज हो गई है। अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बड़ा बयान दिया है। तेजस्वी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोर्ट के आदेश से लाउडस्पीकर हटाने का कानून लागू हुआ है। विचार की लड़ाई में इंसानियत को मत भूलिए और सबसे बड़ा धर्म मानवता होता है।
अब बुलडोजर और लाउडस्पीकर हो रही बात, रोजगार पर क्यों नहीं
नेता प्रतिपक्ष ने कहा- कोई हमें बताएं कि लाउडस्पीकर कब आया, इसकी खोज कब हुई? हम बताते हैं कि लाउडस्पीकर की खोज 1925 में हुई। 70 के दशक में भारत आया। तो इसके पहले आस्था ऊपर वाले में लोगों की नहीं थी क्या? वह प्रार्थना नहीं करते थे क्या? वह प्रेयर नहीं करते थे क्या ? यह जो लाउडस्पीकर यह तो 70 के दशक में आया तो उससे पहले क्या था ? अब जो लोग अलार्म लगाकर सोते हैं और अलार्म की आवाज के साथ उठते हैं तो क्या यह कहा जाए कि भगवान भी सोते रहते हैं और उन्हें अलार्म की आवाज से जगा दिया गया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी पार्टी सभी सभी जात, सभी वर्गों,सभी धर्मों के प्रति विश्वास रखती है। सभी लोगों को साथ लेकर चलना चाहती है। कहा कि अभी देखिए बुलडोजर पर बात हो रही है। लाउडस्पीकर पर बात हो रही है। बात क्यों नहीं हो रही है बेरोजगारी, महंगाई, तरक्की की बात क्यों नहीं होती, किसान की बात क्यों नहीं होती, मजदूर की बात क्यों नहीं होती? इन मुद्दों पर चर्चा क्यों नहीं हो होती है भाई? लोगों को गुमराह किया जा रहा है,जो असल प्रश्न है जनता और जनहित के मुद्दे उससे लोगों को भड़काया जा रहा है। लाउडस्पीकर को मुद्दा इसलिए बनाया गया है, क्योंकि नींद आपकी टूट जाएगी, लेकिन जिसको रोजगार नहीं मिला, उसकी जिंदगी बर्बाद हो रही है। इस पर चर्चा नहीं होगी।
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