[Team insider] स्पीकर कोर्ट में दल-बदल मामले में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राजकुमार यादव ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम से तीन विधायक जीते थे। ऐसे में दो तिहाई बहुमत के साथ ही किसी पार्टी का विलय हो सकता है, इसीलिए बाबूलाल मरांडी का विलय असंवैधानिक है। वहीं बाबूलाल मरांडी के अधिवक्ता आरएन सहाय ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को पहले ही पार्टी से निष्कासित कर दिए थे। इसलिए वो दोनों पार्टी के मेंबर नही थे, तो पार्टी के किसी भी गतिविधियों में शामिल नही हो सकते थे। इसलिए इनके बहुमत की कोई आवश्यकता नही है।
ऐसे मामले में दसवी अनुसूची का मामला बनता है
राजकुमार यादव ने पूर्व के कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे मामले में दसवी अनुसूची का मामला बनता है ओर इसीलिए बाबूलाल जी की सदस्यता रद्द होनी चाहिए। बाबूलाल के अधिवक्ता ने कहा कि राजकुमार यादव और भूषण तिर्की ने 10 महीने बाद इस मामले में शिकायत दर्ज करवाया है जो कि संवैधानिक नही है विधानसभा के नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि ऐसा प्रावधान है कि अधिक देरी से शिकायत दर्ज होने पर वैध नही माना जायेगा, वहीं कोर्ट में प्रिमिलरी ऑब्जेक्शन लेटर भी बाबूलाल के अधिवक्ता ने लेटर दिया है।
दल बदल मामले में 9 मई को शिकायत पर होगी सुनवाई
वहीं आज दोनों पक्षों को सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने आज की सुनवाई को स्थगित कर दिया फिलहाल अगली सुनवाई की तारीख तय नही हुई है। बाबूलाल मरांडी के दल बदल मामले में 9 मई को बंधु तिर्की ओर दीपिका पांडेय के शिकायत पर होगी सुनवाई।