बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है राज्य सरकार जातीय जनगणना के लिए तैयार है लेकिन हम चाहते है कि इससे पहले सभी दलों के साथ एक बैठक कर सबकी राय ली जाए। उन्होंने कुछ जातियों के दूसरे वर्ग में जाने की मुद्दे पर साफ कहा कि यह फैसला लेने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है और जनगणना के साथ ही पूरी वस्तु स्थिति से केंद्र सरकार को अवगत करा दिया जाएगा।
सभी दलों की राय ली जायेगी
कॉमन सिविल कोड लागू होने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि कॉमन सिविल कोड की बात अलग है। केन्द्र सरकार बता रही है कि कोरोना है और इसका दौर खत्म होगा उसके बाद किया जाएगा। जातीय जनगणना को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री से दस पार्टियों का प्रतिनिधि मंडल गया था। जिसके बाद केन्द्र सरकार ने जातीय जनगणना कराने से मना कर दिया था। लेकिन राज्य अपने खर्चे पर जनगणना कर सकता है यह भी उस वक्त बात सामने आ गया था। राज्य में जो भी करना है तो जितने हमारे दल हैं सभी दल के लोगों से बातचीत कर के कब से करना है और कैसे करना है उसके बारे में तय किया जाएगा।
जातीय जनगणना के बारे में देख चुके हैं
हमलोगों ने जातीय जनगणना के बारे में देख चुके हैं कि अगर लागू करना होगा तो किस तरह से होगा। हम चाहेंगे कि सभी दल के नेता बैठ कर अपनी राय दें कि किस तरह से होना चाहिए। एक सवाल के जवाब में कि इसके लिए बिहार सरकार क्या तैयारी कर रखी है के जवाब में नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार इसके लिए पहले से ही गाईड कर रखा है। लेकिन सारी पार्टियों के साथ बैठक कर के उनलोगों का भी राय लिया जाएगा आपस में चर्चा किया जाएगा। जिसके बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जायेगी।
बढ़ते तेल की कीमतों पर राज्य जितना संभव होगा राहत देगा
बढ़ते तेल की कीमतों पर सीएम नीतीश ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा जितना राहत देना संभव होगा उतना दिया जाएगा। अगर केन्द्र सरकार फिर तय करेगा कि तेल का दाम और घटाना है तो राज्य भी घटा देगी। पिछले कई दिनों से तेल के दामों में स्थिरता बनी हुई है। तेल दूसरे जगह से आता है जिस कारण ऐसी स्थिति है और लोगों को समझना चाहिए कि बीच-बीच में कुछ समस्या आ जाती है। अगर केन्द्र तय करेगा तेल का दाम और घटाना है तो इस पर आगे देखा जाएगा। फिलहाल लोगों को समस्या तो हो ही रही है इस बात से इनकार भी नही किया जा सकता है।