[Team insider] खनन लीज़ और शेल कंपनी मामले में झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई चीफ़ जस्टिस डा रविरंजन और जस्टिस सुजित नारायण प्रसाद की बेंच में हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल, महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने कोर्ट के समक्ष बहस की। ED की ओर से वरीय अधिवक्ता तुषार मेहता और सीबीआई की ओर से ASGI प्रशांत पल्लव और अधिवक्ता पार्थ जालान ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा। मुख्यमंत्री की ओर से वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतोगी और हाईकोर्ट के अधिवक्ता अमृतांश वत्स कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए।
पहले मेंटेनबिलिटी फिर केस की मेरिट पर होगी सुनवाई
मामले की सुनवाई चीफ़ जस्टिस डा रविरंजन और जस्टिस सुजित नारायण प्रसाद की बेंच में हुई। जस्टिस ने कहा कि पहले हम मेंटेनबिलिटी पर सुनवाई करेंगे और उसके बाद केस की मेरिट पर, सरकार की ओर से उपस्थित वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अगली सुनवाई के लिए कोर्ट से समय देने का आग्रह किया। जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 1 जून की तिथि निर्धारित की है।
PIL के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका की गई दाखिल
गौरतलब है कि हेमंत सोरेन को पत्थर खनन लीज आवंटन और करीबियों के शेल कंपनी में निवेश मामले में झारखंड हाई कोर्ट में दायर PIL के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई है।़