भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने आज गुरुवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को बताया कि अमृतसर के घलुघरा कार्यक्रम के लिए सभी 424 लोगों को सुरक्षा कवर “अस्थायी रूप से” हटा दिया गया था और इसे 7 जून से बहाल कर दिया जाएगा। पिछले हफ्ते पंजाब पुलिस ने इन लोगों की सुरक्षा या तो हटा ली थी या फिर कटौती कर दी थी। इसमें मशहूर पंजाबी सिंगर शुभदीप सिंह सिद्धू भी शामिल थें जिसे सिद्धू मूसेवाला के नाम से जाना जाता है। जिसकी रविवार को पंजाब के मनसा जिले में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
पहचान सार्वजनिक कैसे हुई
इससे पहले 30 मई को, उच्च न्यायालय ने पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार से यह बताने के लिए कहा कि उसने किस आधार पर राज्य में कई सुरक्षा प्राप्त लोगों की सुरक्षा वापस ले ली थी और उनकी पहचान सार्वजनिक रूप से कैसे बताई गई थी। एचसी के न्यायमूर्ति राज मोहन सिंह ने पंजाब सरकार द्वारा अपने सुरक्षा कवर को वापस लेने के खिलाफ पूर्व उप मुख्यमंत्री ओपी सोनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किए हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इस मुद्दे पर सीलबंद लिफाफे में दो जून तक रिपोर्ट देने को कहा था।
लॉरेंस बिश्नोई की याचिका खारिज
अधिवक्ता ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि “अमृतसर घलुघरा कार्यक्रम के लिए सुरक्षा अस्थायी रूप से ली गई है और इसे 7 जून तक बहाल कर दिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने सुनवाई करते हुए जानना चाहा कि सुरक्षा कवर को हटाने की जानकारी सार्वजनिक डोमेन में कैसे आई। इससे पहले दिन में, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की एक याचिका खारिज कर दी, जो गायक सिद्धू मूस वाला हत्या मामले में पंजाब पुलिस को अपनी हिरासत नहीं सौंपने के लिए थी। मूसेवाला की हत्या में शामिल होने के संदेह में बिश्नोई ने दिल्ली उच्च न्यायालय से अपनी याचिका वापस लेने के बाद बुधवार को उच्च न्यायालय का रुख किया था, क्योंकि उन्हें आशंका है कि उन्हें पंजाब पुलिस द्वारा एक फर्जी मुठभेड़ में मार दिया जाएगा।