[team insider] आज विश्व पर्यावरण दिवस है,आज लोग पर्यावरण को सुरक्षितरखने की बात करते है, लेकिन हम आपको आज एक ऐसी तस्वीर दिखा रहे है जिससे आपको समझ में आयेगा की हमारा पर्यावरण क्यों सुरक्षित नहीं है.कुछ ही दिनों में राज्य में मानसून दस्तक देगा. ऐसे में राज्य की क्या तयारी है ये हम आपको दिखाते है.खबर में लगी तस्वीर पिस्का मोड़ के पंचशील नगर की है। इसमें दायीं ओर एक बरसाती नदी दिख रही है और बायीं ओर सड़क है। हकीकत में ये सड़क कभी पूरी तरह नदी का हिस्सा थी, और यह बरसाती नदी आगे तकरीबन एक किमी जाकर कांके डैम में मिल जाती थी। यह नदी भारी बरसात में इस रिहायशी इलाके के लिये ड्रेनेज का काम करती थी ।और बड़ा क्षेत्र जलमग्न होने से बच जाता था, लेकिन गर्मियों में सूख जाने पर इसके कैचमेंट और ग्रीनलैंड को तेजी से बेच दिया गया और पूरे नदी पर ही एक बड़ी और घनी बस्ती बस गयी।
ग्रीनलैंड में बन रहे है अवैध मकान
अब नदी एक पतले से नाले में तब्दिल हो गयी है. जो घनघोर बारिश होने पर उफनती हुयी पूरे पंचशील नगर में नीचले तल्ले के मकानों को जलमग्न कर देती है।पंचशील नगर इलाके की कुछ साल पहले जब नगर निगम ने जांच की तो पता चला कि पूरा इलाका ही नदी उसके ग्रीनलैंड और कैचमेंट पर बसा हुआ है। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और इतने बड़े इलाके से घरों को तोड़ना और अतिक्रमण हटाना सरकार के बूते के बाहर की चीज थी। रांची में नदियों के आस पास अतिक्रमण और अवैध निर्माण के वाक्त सरकार सोयी हुई रहती है। बाद में कोर्ट के आदेश और सख्ती के बाद वहां अतिक्रमण हटाने के नाम पर कुछ कमजोर लोगों के मकान उजाड़ दिये जाते हैं।
करोड़ो की लगत में बने नाले हो रहे है बेकार
कुछ साल पहले पूरे रांची शहर में करोड़ो की लागत से नालों का निर्माण किया गया था। दलील थी कि इसके बाद शहर में कहीं जलजमाव नहीं होगा,ड्रेनेज ठिक हो जायेगा, पर इंजीनियरों ने इस पर कोई ठोस सर्वे नहीं किया। ठेकेदार अपनी मनमर्जी से नालों का निर्माण कर चलते बने। अब वो नाले बेकार साबित हुये। कभी एक बूंद पानी नहीं टिकता था. रांची की बनावट ऐसी है कि यहां कभी भी तेज बारिश के बाद भी पानी किसी भी इलाके में टिकता नहीं था दुसरे राज्यों से लोग यहाँ आया करते थे. लेकिन अब रांची में भी जलनिकासी के प्रत्येक मार्ग को अवरूद्ध करने, नदियों नालों को खत्म करने के बाद पटना, दरभंगा, सस्तीपुर जैसे शहरों वाली नारकीय स्थिति बनने लगे तो कोई आश्चर्य नहीं।
ड्रेनेज सिस्टम देखने यूरोप और इटली गयी थी झारखंडी मंत्रियों की टीम
कुछ साल पहले झारखंड के मंत्रियों और अफसरों की एक टीम यूरोप के दौरे पर गयी थी। तब झारखंड के एक मंत्री जी ने मीडिया को बड़े गर्व से बताया था कि हम इटली के वेनिस शहर को देखने जा रहे हैं, हमें वहां ये देखना है कि नहरों के इस शहर में जलनिकासी और वेस्ट मैनेजमेंट कैसे होता है। अब ये तो पता नहीं चल पाया कि मंत्री जी की टीम और अफसरों ने वेनिस में क्या देखा और सीखा, पर ऐसा अवश्य देखने को मिलता है कि मॉनसून के बारिश में रांची के कुछ इलाके वेनिस की तरह जलमग्न जरूर हो जाते हैं।