एआईएमआईएम प्रमुख असुद्दीन ओवैसी रविवार को मांडर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी से निलंबित निर्दलीय प्रत्याशी देवकुमार धान के समर्थन में पहुंचे और चुनावी सभा को संबोधित किया। ओवैसी ने कहा है कि अब कांग्रेस से कुछ नहीं होने वाला है, जिस दिन कांग्रेस पार्टी भारत से खत्म होगी, उस दिन नरेंद्र मोदी चुनाव हार जाएंगे। अगर कोई बीजेपी को, नरेंद्र मोदी को जीता रहा है, तो उसका नाम कांग्रेस पार्टी हैं, ये कमजोर हो चुके है। इतने कमजोर हो चुके हैं कि इनके लीडर को दिल्ली में ईडी पूछताछ के लिए बुलाती है, तो सौ लोग को दिल्ली में जमा नहीं कर सकते है। लेकिन बड़ी-बड़ी बातें करते है। ओवैसी रविवार को मांडर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी से निलंबित निर्दलीय प्रत्याशी देवकुमार धान के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे।
उसके बाद पिछले दिनों, राज्य में 10 जून को हुए हिंसा में मारे गये 16 वर्षीय मुदस्सिर और 22 वर्षीय साहिल के परिजनों से मुलाकात की और कहा कि रांची पुलिस की बंदूक़ की गोली से जान चली गयी थी। वहीं उन्होंने कहा कि दोनों के क़त्ल को लेकर पुलिस ने अभी तक न FIR दर्ज किया है और ना ही कोई ऐक्शन लिया है।
अग्निपथ योजना का विरोध, संसद सत्र बुलाने की मांग
असुद्दीन ओवैसी ने अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए संसद का सत्र बुलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आज देश की सीमा को चीन और पाकिस्तान से खतरा है, सेना में लाखों पद रिक्त है, इसके बावजूद 4 साल के लिए संविदा पर नियुक्ति का फैसला उचित नहीं है।
सरना धर्म कोड को लागू करने की मांग
एआईएमआईएम प्रमुख ने देश में सरना धर्म कोड लागू करने की मांग करते हुए कहा कि जब जनगणना में देश में हिन्दू, मुस्लिम, सिख और जैन धर्मावलंबियों के लिए अलग से कोड की व्यवस्था है, तो सरना धर्मकोड की भी व्यवस्था लागू होनी चाहिए। वर्ष 2022 के जनगणना में सरना धर्मकोड को लागू करना होगा। उन्होंने बेरोजगारी और देश की सुरक्षा के मसले पर मांडर उपचुनाव में लोगों से वोट देने की अपील की।
सीएम 11 एकड़ जमीन पर करा लीअपने नाम
असुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे इतने लालची क्यों हो गये, 11 एकड़ जमीन अपने नाम करा ली। उन्होंने कहा कि झारखंड में एआईएमआईएम एक प्रमुख राजनीतिक शक्ति बनकर उभरेगा। ओवैसी ने अमन-शांति की अपील करते हुए कहा कि नफरत की फिजाओं का खात्मा होना चाहिए, रांची में 10 जून को हिंसा में जिन युवकों की मौत हुई है, उनके परिजनों को वोट के माध्यम से न्याय दिलाने का काम करें।
पुलिस ने बंदूक़ की गोली से जान ले ली थी
पिछले दिनों, राज्य में 10 जून को हुए हिंसा में मारे गये 16 वर्षीय मुदस्सिर और 22 वर्षीय साहिल के परिजनों से मुलाकेत की और कहा कि रांची पुलिस ने बंदूक़ की गोली से जान ले ली थी। आज बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी साहब मरहूमीन के वालिदैन से मुलाक़ात कर ताज़ियत पेश की। दोनों के क़त्ल को लेकर पुलिस ने अभी तक न FIR दर्ज किया है और ना ही कोई ऐक्शन लिया है।