केन्द्र सरकार के अग्निपथ योजना के खिलाफ भारत बंद की घोषणा का झारखंड में भी देखने को मिल रहा है। बंद के दौरान तोड़फोड़ की आशंका के बीच रांची रेल मंडल की ओर से कई रेलगाड़ियों का परिचालन रद्द कर दिया गया है, वहीं निजी यात्री बसों का परिचालन भी काफी कम है। वहीं शहर के विभिन्न बस स्टैंडों पर यात्रियों की संख्या भी काफी कम नजर आयी, वहीं रांची, हटिया समेत अन्य स्टेशनों पर भी सन्नाटा पसरा रहा। जबकि स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा पहले ही 20 जून को सभी स्कूल-कॉलेज एवं शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया था।
लंबी दूरी की यात्री बसों का परिचालन भी ठप्प
राजधानी रांची से सुबह में सैकड़ों बस बिहार, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ समेत अन्य जिलों के लिए खुलती हैं, लेकिन सुबह में मुश्किल से 40 यात्री बस ही विभिन्न जिलों के लिए रवाना हुए, जो यात्री बस रवाना हुए, वे भी आसपास के जिलों के लिए रवाना हुए, बिहार और दूसरे राज्यों के लिए लंबी दूरी की यात्री वाहन बस स्टैंड पर खड़ी नजर आयी।
6 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा भी दिख रहा असर
राजधानी रांची में बंद के समर्थन में किसी संगठन के लोग सड़क पर नहीं उतरे, बल्कि एहतियात और सुरक्षा कारणों की वजह से कई दुकानें एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रही। वहीं शहर के छह थाना क्षेत्रों में अभी भी निषेधाज्ञा लागू है और कई इलाकों में बैरिकेटिंग का असर भी व्यवसाय पर पड़ा है। सड़कों पर ऑटो और निजी वाहन भी कम संख्या में चले,लेकिन सरकारी कार्यालयों और बैंक एवं पीएसयू में आम दिनों की तरह काम हुआ, लेकिन उपस्थिति कम रही।
रांची रेल मंडल की 8 ट्रेन
सेना बहाली को लेकर केंद्र सरकार की नई योजना का सबसे अधिक असर रेलगाड़ियांे के परिचालन पर पड़ा है। इस पिछले तीन दिनों से लगातार ट्रेन परिचालन पर ग्रहण लगा हुआ है। कई ट्रेनें यार्ड में खड़ी है, तो कई ट्रेनों को स्टेशन पर ही रोक दिया गया है। 20जून को जिन 8 ट्रेनों का परिचालन रद्द रहा, उसमें चोपन-रांची एक्सप्रेस, हटिया-पूर्णिया कोर्ट एक्सप्रेस, पटना-जनशताब्दी एक्सप्रेस, पूर्णिया-हटिया एक्सप्रेस, पटना-रांची जनशताब्दी एक्सप्रेस, पटना-हटिया एक्सप्रेस, इस्लामपुर-हटिया एक्सप्रेस और सासाराम-रांची एक्सप्रेस शामिल है।
शहर में 2600 जवानों की तैनाती
राजधानी रांची में 10 जून को हिंसा और अग्निपथ योजना के खिलाफ भड़के आक्रोश के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये। सभी प्रमुख चौक-चौराहे, राजभवन और सरकारी कार्यालयों, प्रतिष्ठानों के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये है।
बंद और अशांति की वजह से व्यवसाय प्रभावित
राजधानी रांची में अशांति की वजह से व्यवसाय और कारोबार प्रभावित है। शहर में पिछले 10 दिनों से सामान्य जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। कोरोना काल के दो वर्ष बाद व्यवसायियों को उम्मीद थी कि इस वर्ष उनके नुकसान की भरपाई हो सकेगी, लेकिन जिस तरह से 10 जून की हिंसा के बाद शहर पूरी तरह से अशांत रहा और अब अग्निपथ योजना के देशव्यापी विरोध के कारण कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक अनुमान के मुताबिक इस रांची शहर में पिछले दस दिनों में अशांति के कारण एक हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यवसाय प्रभावित हुआ है।