बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की स्थिति इन दिनों सबसे अलग है। एनडीए से उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। उनके विधायकों की भाजपा में इंट्री हो चुकी है। राजद के साथ उनका गठबंधन भी नहीं हुआ। कांग्रेस ने भी उनसे पर्याप्त दूरी बनाए हुए है। हालत ये है कि वे न सत्ता के साथ हैं और न ही मुख्य विपक्ष के। मुकेश सहनी की यही स्थिति उनके हालिया बयान में दिख रही है। सहनी भाषा बोल रहे हैं तेजस्वी की और बचाव कर रहे हैं नीतीश का। मकसद है भाजपा की खिलाफत।
तेजस्वी के सुर में मिलाया सुर
2020 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुकेश सहनी भरी प्रेस कांफ्रेंस से तेजस्वी और महागठबंधन का साथ छोड़कर NDA में शामिल हुए थे। सरकार बनी तो मंत्री बन गए। लेकिन उनके विधायकों ने उनका साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। बोचहां सीट पर उपचुनाव के दौरान तेजस्वी यादव ने उनके संभावित उम्मीदवार को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया। वह सीट RJD को मिल भी गई। अब सहनी के लिए भाजपा और तेजस्वी दोनों एक समान हैं। लेकिन सहनी के सुर मिल रहे हैं तेजस्वी से।
भाजपा पर लगाया आरोप
एक दिन पहले तेजस्वी ने विधानसभा के बाहर मीडिया से कहा कि भाजपा उन राज्यों के सरकारों को अस्थिर करने के प्रयास में रहती हैं, जहां वो फ्रंट सीट पर नहीं है। मुकेश सहनी ने भी इस बयान का समर्थन करते हुए कहा कि गैर भाजपाई सरकार, भाजपा के लिए किरकिरी बनी रहती है। लेकिन सहनी यहीं नहीं रुके। तेजस्वी के बयान का समर्थन करते हुए उन्होंने नीतीश कुमार के लिए भी अपनी मंशा जता दी। मुकेश सहनी ने कहा कि नीतीश सरकार पर उंगली उठाने वालों को समझना चाहिए कि आज जो सरकार चल रही है उसका कारण नीतीश कुमार ही हैं। उनके नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ा गया था।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर भी निशाना
भाजपा के बिहार अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल इन दिनों सबसे अधिक निशाने पर आ रहे हैं। ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बाद अब नया नाम है मुकेश सहनी का है। बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की नजरों में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल बढ़िया नेता नहीं हैं यानि बेकार नेता हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर की डिग्री लेने भर से कोई बढ़िया राजनेता नहीं बन सकता। डॉक्टर बन गए तो जरूरी नहीं कि अच्छे नेता ही हो जाएंगे। जनता चाहेगी तभी कोई नेता बन सकता है।