महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा फ्लोर टेस्ट रोकने से इनकार करने के बाद उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव पर आकर इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे ने विधान परिषद की सदस्यता भी छोड़ने का ऐलान कर दिया। इससे पहले विपक्ष में बैठी भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव दिया तो राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट का दिन तय कर दिया। लेकिन महाराष्ट्र सरकार को राज्यपाल का यह फैसला मंजूर नहीं था। सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि फ्लोर टेस्ट पर कोई रोक नहीं है।
राज्यपाल व केंद्र पर आरोप
उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद के साथ विधान परिषद से भी इस्तीफा दे दिया है। यह पहली बार हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री ने CM पद छोड़ने के साथ विधानमंडल से भी इस्तीफा दे दिया हो। फेसबुक लाइव के दौरान उद्धव भावुक दिखे। उन्होंने राज्यपाल और केंद्र सरकार पर भी बरसे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के पास विधान परिषद सदस्यों के मनोनयन का मामला डेढ़ साल से लंबित है। लेकिन विपक्ष के एक पत्र के अगले दिन फ्लोर टेस्ट की तिथि तय कर दी। कांग्रेस और एनसीपी का आभार जताते हुए उद्धव ने केंद्र पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया।
बागियों पर भी बरसे उद्धव
फेसबुक लाइव के दौरान उद्धव ठाकरे बागी विधायकों पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि उन विधायकों को यह सोचना होगा कि जिस बाला साहेब ने उन्हें बनाया, उसके बेटे की कुर्सी उन्होंने खींची।
सिंघवी ने फ्लोर टेस्ट टालने की मांग की थी
सिंघवी की दलील पर कोर्ट ने कहा कि बहुमत पर फैसला सदन में ही हो सकता है। राज्यपाल नेता विपक्ष की सलाह पर काम कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि अयोग्यता के मामले होने से फ्लोर टेस्ट नहीं रुक सकता। यह अदालत के हस्तक्षेप का सवाल नहीं है। सिंघवी ने की फ्लोर टेस्ट टालने की मांग की
इससे पहले महाराष्ट्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से फ्लोर टेस्ट एक हफ्ता टालने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट में तेजी से काम किया है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष की चिट्ठी पर निर्णय लिया है। पहले विधायकों की योग्यता पर फैसला होना चाहिए। यह निर्णय विधानसभा स्पीकर को लेना है। उन्होंने कहा कि स्पीकर के फैसले के बाद ही फ्लोर टेस्ट होना चाहिए। सिंघवी ने कोर्ट में यह भी कहा कि स्पीकर के फैसले के बाद विधायकों की संख्या बदलेगी।
‘NCP के दो MLA कोरोना संक्रमित’
सिंघवी ने यह भी कहा कि फ्लोर टेस्ट की जानकारी हमें आज ही हुई है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार में सहयोगी पार्टी NCP के दो विधायक कोरोना संक्रमित हैं। 30 जून को वे वोट नहीं दे पाएंगे। सिंघवी का कहना है कि छह माह से पहले दुबारा फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकता। इसलिए इतनी आपाधापी में फ्लोर टेस्ट न हो। इसके लिए अलग से वक्त निर्धारित हो।
शिंदे गुट की सदस्यता पर सवाल
सिंघवी ने कहा कि बागी गुट की सदस्यता बरकरार रहेगी या नहीं यह स्पीकर तय करेंगे। क्योंकि उनके सदस्यता की वैधता ही सवालों के घेरे में है। अगर वे सदस्य नहीं रहेंगे तो वोटिंग में कैसे हिस्सा ले सकते हैं? उन्होंने आगे कहा कि अगर वोटिंग होती है तो बागी विधायकों को व्हिप मानना होगा।
महाराष्ट्र में सरगर्मी बढ़ी
महाराष्ट्र में राज्यपाल की फ्लोर टेस्ट की चिट्ठी जारी होने के बाद सरगर्मी बढ़ चुकी है। सरकार इस फ्लोर टेस्ट से बचना चाहती है। साथ ही आरोप यह भी है कि यह निर्णय असंवैधानिक है। चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट को जरिया बनाया गया। लेकिन यह सफल नहीं हुआ।