केंद्र सरकार द्वारा संचालित ‘जल जीवन मिशन’ के तहत हर घर नल से जल योजना का राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के माध्यम से वर्ष 2024 तक हर घर नल से जल पहुचे पर चर्चा किया गया। कार्यशाला मे विभाग के मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि लक्ष्य कठिन है और विषम प्रस्थिति मे हम लोग 21% का लक्ष्य प्राप्त किया। सरकार का टारगेट है कैसे इस दिशा मे हर हाल मे लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। सरकार अलग अलग तरीके से गावों तक शुद्ध जल पहुचे के लिए कटीबद्ध है।
पिछड़ेपान का कलंक हमसब को मिलकर मिटाना होगा
मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि राज्य पर लगा योजना का पिछड़ेपान का कलंक हमसब को मिलकर मिटाना होगा। मिशन मोड में लक्ष्य को पूरा करने पर काम चल रहा है। ऐसे में जिन संवेदकों ने बड़ी योजनाएं ले रखी हैं, उन्हें भी ऐसी कार्यशाला का लाभ लेना चाहिए। चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में झारखंड के 22 लाख घरों तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है और राज्य के 61 लाख से ज्यादा घरों तक योजना को पहुचे का लक्ष्य है, जो भी विभागीय है समस्या है। उन्हें भी अवगत कराने को लेकर सभी अधिकारियों को कहा गया है।
कार्यशालाओं के जरिये सबों को एक साथ बैठने का मौका मिला
मिथिलेश ठाकुर ने यूनिसेफ से कहा कि ऐसी कार्यशालाओं के जरिये सबों को एक साथ बैठने का मौका मिला है। इससे मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने में आ रही परेशानियों, उनके निदान पर चर्चा का मौका मिलेगा। इस तरह की कार्यशाला ग्राम जल स्वच्छता समितियों के बीच भी हो। इससे भी योजनाओं के ग्रास रूट पर अमल करने और तेजी लाने में मदद मिलेगी। मंत्री ने संवेदकों से अपील करते कहा कि जिस दिन से वर्क आर्डर मिलता है, उसी दिन से योजनाओं में आने वाली परेशानियों, चुनौतियों की परख करते उसे दूर करने में विभागीय मदद लें।
2024 तक मिशन का लक्ष्य हासिल करना कठिन नहीं होगा
रेलवे, वन विभाग से एनओसी लेने या ऐसे ही अन्य मसलों को समय पर सुलझा लेने से जल जीवन मिशन के योजनाओं में तेजी से काम हो सकेगा। विभागीय इंजीनियर भी रूटीन वर्क से बाहर आकर क्वालिटी वर्क समय पर कराने पर जोर दें। संवेदक, इंजीनियर प्रतिबद्धता और ऊंचे मनोबल से काम करें तो 2024 तक मिशन का लक्ष्य हासिल करना कठिन नहीं होगा।