कर्नाटक में एंटी करप्शन ब्यूरो के एडीजीपी सीमांत कुमार सिंह अपने उपर जज द्वारा की गई टिप्पणी के बाद हाई कोर्ट में पहुंच गए। उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर न्यायमूर्ति एचपी संदेश द्वारा की गई टिप्पणी को हटाने का अनुरोध किया है। एडीजीपी ने अपनी याचिका में न्यायमूर्ति एचपी संदेश की टिप्पणी को एसीबी और स्वयं की प्रतिष्ठा का नुकसान बताया है।
एसीबी को कहा वसूली केंद्र
दरअसल, पूरा मामला एक मामले की सुनवाई के दौरान का है। रिश्वत से जुड़े एक मामले में जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस एचपी संदेश ने एक टिप्पणी की। सीमांत सिंह का कहना है कि टिप्पणी में उन्होंने एसीबी को एक “वसूली केंद्र” और मुझे (सीमांत कुमार सिंह) “दागी अधिकारी” कहा था। उन्होंने कहा है कि इस टिप्पणी से मेरी निजी और एसीबी जैसी संस्था की प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ है। गौरतलब है कि 30 मई को इस उक्त मामले की सुनाई हुई थी। उप तहसीलदार महेश पीएस की जमानत याचिका का मामला था। इसमें जस्टिस संदेश ने सीमांत कुमार सिंह को भी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा था।
आरोपी नहीं बनाने पर सवाल
उक्त मामले में अदालत ने सवाल किया था कि तत्कालीन उपायुक्त मंजूनाथ को मामले में आरोपी क्यों नहीं बनाया गया? इसके बाद ही सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी आई।