मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 7वीं-10वीं जेपीएससी परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा। खेलगांव स्थित डॉ. रामदयाल मुंडा कला भवन में शुक्रवार को आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जेपीएससी में सफल 252 अभ्यार्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि राज्य गठन को 20 साल बीत चुके हैं लेकिन जेपीएससी की नियुक्ति नियमावली नहीं बन पाई थी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने केवल नियुक्ति नियमावली ही नहीं बनाई बल्कि प्रक्रिया भी शुरू कर दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सातवीं सिविल सेवा परीक्षा महज 250 दिनों में पूरी हुई। नियुक्त 252 अभ्यर्थियों में 32 बीपीएल परिवार के हैं. झारखंड राज्य भी अपने आप में बीपीएल है। इसे बीपीएल से बाहर निकालने का संकल्प लें।
इसे अग्रणी राज्य बनाना है
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि 6ठी जेपीएससी का परिणाम जारी होने में 1 हजार दिन से भी ज्यादा का वक्त लग गया। हमने महज 250 दिन में परिणाम जारी कर दिया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अभी हमारे राज्य की गिनती पिछड़े राज्यों में होती है लेकिन इसे अग्रणी राज्य बनाना है। राज्य के विकास में प्रशासनिक अधिकारियों की अहम भूमिका होती है। राज्य द्वारा जारी कल्याणकारी योजनाओं को धरातल तक पहुंचाना प्रशासनिक अधिकारियों की ही जिम्मेदारी होती है। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए ईमानदारी से काम करने की नसीहत दी।
शौचालय को ही स्टडी रूम में तब्दील कर दिया था
दरअसल, 7वीं-10वीं जेपीएससी का परिणाम 31 मई को जारी किया गया। दिलचस्प बात ये है कि 252 सफल अभ्यार्थियों में से 30 अभ्यर्थी अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं। इन लोगों ने बेहद गरीबी में संघर्ष कर झारखंड लोक सेवा आयोग में सफलता हासिल की है। इसमें कई किसान और मजदूर परिवार से आते हैं। एक अभ्यर्थी ने तो बताया कि उसने शौचालय को ही स्टडी रूम में तब्दील कर दिया था। मुख्यमंत्री ने इन्हें सलाह दी है कि वे अपने संघर्षों को याद रखकर ईमानदारी से काम करें।