बिहार विधानसभा शताब्दी समापन समारोह में मंगलवार को पीएम मोदी भी शामिल हुए। शाम 5:30 मिनट पर PM मोदी पटना एयरपोर्ट पहुंचे। वहां उनका स्वागत बिहार के राज्यपाल फागू चौहान और CM नीतीश कुमार ने किया। इसके बाद पीएम मोदी बिहार विधानसभा पहुंचे। यहां उनका स्वागत बिहार विधान सभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने किया। सबसे पहले उन्होंने स्मृति स्तंभ का अनावरण किया। उसके बाद PM मोदी ने बिहार विधान सभा परिसर में कल्प तरु का वृक्ष लगया। लगभग 6:15 मिनट पर वह मंच पर पहुँचे। मंच पर उनके साथ राज्यपाल फागु चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे। 6:40 मिनट पर PM मोदी विधान सभा संग्राहलय का तथा अथितिशाला का शिलान्यास किया।
‘बिहार लोकतंत्र की जननी है’
मुझे इस बात की खुशी है कि भारत का पहला ऐसा प्रधानमंत्री हूं, जिसे बिहार विधानसभा में आने का अवसर मिला। बिहार का स्मृति चिन्ह लोगों को आकर्षित करेगा। बिहार लोकतंत्र की जननी है। बिहार ने देश को पहला राष्ट्रपति दिया। देश के लिए आवाज एक जुट रखना चाहिए। बिहार ने हमेशा देश को राह दिखाई है। बिहार विधान सभा में ही पहली बार जमींदारी उन्मूलन कानून पारित किया गया था। बिहार देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने पंचायती राज्य अधिनियम पारित किया। बिहार देश का पहला राज्य है, जिसने पंचायती राज्य में महिलाओं को 50 प्रतिशत की भागेदारी दी।
‘बिहार की विरासत अमिट’
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बिहार की विकास अमिट रही है। लोकतंत्र की जननी बिहार है। यह सोच गलत है कि भारत को लोकतंत्र विदेशी हुकूमत और विदेशी सोच के कारण मिला है। ऐसी बात कोई भी कहे तो समझ लें कि वो बिहार के इतिहास और बिहार की विरासत पर पर्दा डालने की कोशिश करता है। जब दुनिया के बड़े भू-भाग सभ्यता और संस्कृति की ओर अपना पहला कदम बढ़ा रहे थे, तब वैशाली में परिष्कृत लोकतंत्र का संचालन हो रहा था।
सीएम ने जताया पीएम का आभार
बिहार विधान मंडल भवन के शताब्दी वर्ष समापन समारोह में शामिल होने के लिए CM नीतीश कुमार ने पीएम का आभार जताया। उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष समारोह के शुभारंभ के मौके पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शामिल हुए थे। आज पीएम शामिल हुए हैं। यह बिहार का सौभाग्य है।
5 बार अटके तेजस्वी यादव
समापन समारोह की शुरुआत में विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा ने विधानसभा की उपलब्धि का जिक्र किया। इसके बाद भाषण देने आए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव। उन्हें लालू यादव ने इसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दिल्ली से वापस पटना भेजा था। इस कार्यक्रम में ही तेजस्वी ने स्कूल ऑफ डेमोक्रेसी की मांग की। लेकिन बड़े मौके पर बड़ी मांग रखते-रखते तेजस्वी पांच बार अटकते दिखे। मंच से ही तेजस्वी ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग भी कर दी। लेकिन उनकी तमाम बड़ी मांगों के बीच उनका अटक जाना ही चर्चा का केंद्र बना रहा।
इन लाइनों में तेजस्वी अटक गए
- समाज के हर वर्ग की आबादी के अनुसार, भागीदारी और हिस्सेदारी से ही लोकतंत्र समृद्ध और समावेशी होगा।
- अतः मैं आपसे आग्रह करता हूं कि School of Democracy & Legislative Studies जैसी एक संस्था बिहार में स्थापित हो।
- इसी प्रांगण में हम जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की आदमकद प्रतिमा के बगल में बैठे हैं।