देश के 15वें राष्ट्रपति के लिए चुनाव प्रक्रिया का संचालन हो चुका है। द्रौपदी मुर्मू नई राष्ट्रपति होंगी। यह चुनाव कई मामलों में अनूठा है। पहली बार है जब देश के राष्ट्रपति की कुर्सी किसी आदिवासी को मिल रही है। चुनाव कांटे का तो नहीं है क्योंकि अधिकतर दलों ने द्रौपदी मुर्मू के लिए अपना समर्थन जता दिया है। लेकिन राष्ट्रपति चुनाव में एक मौका ऐसा भी आया था, जीत-हार का अंतर दो फीसदी से भी कम वोट था।
1969 में सबसे कम अंतर
राष्ट्रपति चुनाव में सबसे कम वोटों का अंतर 1969 में रहा है। तब राष्ट्रपति चुने गए वीवी गिरि को कुल 50.2 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि उनके विरोध में 48.7 प्रतिशत वोट मिले थे। वीवी गिरि को मिले वोटों की कुल संख्या 4,01,515 थी। जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी नीलम संजीव रेड्डी को 4,05,427 वोट मिले थे।
राजेंद्र प्रसाद की जीत का मार्जिन सबसे बड़ा
1957 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डॉ. राजेंद्र प्रसाद दुबारा राष्ट्रपति बने थे। इस चुनाव में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को 4,59,698 वोट मिले थे। जबकि उनके खिलाफ चुनाव में खड़े हुए चौधरी हरिराम को सिर्फ 2672 वोट मिले थे।