जनता दल यूनाइटेड में आरसीपी सिंह पर चल रहा बवाल उनके इस्तीफे से थमा नहीं, तेज हो गया है। आरसीपी सिंह ने इस्तीफा देते हुए नीतीश कुमार पर कुछ आरोप लगाए। उसका जवाब देने राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह उतर आए। ललन सिंह ने आरोप लगाया कि आरसीपी अपने मन से मंत्री बन गए। तो आरसीपी द्वारा जदयू को डूबता जहाज बताने पर ललन सिंह ने कहा कि यह जहाज डूबने वाला नहीं दौड़ने वाला है। सबको इंतजार था आरसीपी के जवाब का क्योंकि नीतीश कुमार पर हमला कर चुके ललन सिंह को तो आरसीपी नहीं ही छोड़ते। हुआ भी यही ललन की प्रेस कांफ्रेंस में उनके द्वारा बताए गए सच पर काउंटर करते हुए आरसीपी ने अपना पूरा सच बताया।
दिन-तारीख से साथ बताई घटना
ललन सिंह के आरोपों से भरे प्रेस कांफ्रेंस के बाद आरसीपी भी मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और ललन सिंह झूठ बोल रहे हैं। 4 जुलाई 2021 को ललन सिंह मिले और कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार पर आप अमित शाह से बात कर लें, नीतीश जी की बात उनसे हो चुकी है। इसके बाद मेरी और अमित शाह की बात हुई। ऑफर स्पष्ट था कि जदयू को एक ही मंत्री पद दिया जाएगा। साथ ही शर्त भी थी कि जदयू से मंत्री सिर्फ आरसीपी सिंह ही बनेंगे। बातचीत के बारे में जब मैंने नीतीश कुमार को बताया तो उन्होंने कहा कि एक सीट मिल रही है तो आप केंद्र में मंत्री बन जाइए। ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया जाएगा।
अपने ही बयान में फंसे ललन
वैसे तो बिहार की राजनीति में ललन सिंह बातों में फंसने वाले नेता नहीं माने जाते, लेकिन आरसीपी पर हमले करने में वे चूक गए। आरसीपी सिंह ने जदयू को डूबता जहाज बताया। तो ललन ने पलटवार करते हुए कहा कि जहाज डूबने की आशंका से पहले चूहे भागते हैं। वैसे जदयू डूबने वाला नहीं दौड़ने वाला जहाज है। आरसीपी सिंह ने ललन सिंह की इसी बात को पकड़ लिया और कहा कि जहाज दौड़ता नहीं है, तैरता है।
‘भाजपा में शामिल होने से वैर नहीं’
आरसीपी सिंह की राजनीति अब कैसे होगी, इस सवाल पर आरसीपी ने कहा कि राजनीति में हैं तो किसी न किसी के साथ रहेंगे ही। भाजपा से वैर तो नहीं है। सभी विकल्प खुले हुए हैं।