राजधानी रांची के पहाड़ी मंदिर में सावन की अंतिम सोमवारी पर आज अहले सुबह से ही भक्तों की उमड़ी भीड़। बड़ी संख्या में श्रद्धालु कतारबद्ध होकर बाबा भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर रहे हैं। रांची के आसपास के क्षेत्रों से कांवरिया पहाड़ी मंदिर में आकर बाबा भोले के दरबार में जलार्पण कर रहे हैं। नामकुम स्थित स्वर्ण रेखा नदी से जल लेकर पहाड़ी मंदिर तक पैदल चलकर बाबा भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर रहे हैं। लोग जल, अक्षत, चंदन, भांग, धतूरा, आक, फूल और बेलपत्र भगवान शिव पर अर्पण कर पूजा अर्चना करते हैं।
पूजा करने में सुविधा को लेकर की गई तैयारी
भक्त अपने इच्छित मनोकामना के लिए भगवान शिव की पूजा करते हैं। स्वर्णरेखा नदी से पहाड़ी मंदिर तक जगह जगह पर समाजसेवियों के द्वारा स्वागत शिविर लगाया गया। वहीं रांची जिला प्रशासन की ओर से पहाड़ी मंदिर में श्रद्धालुओं को पूजा करने में सुविधा को लेकर काफी तैयारी की गई। जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये हैं।
कांवरियों के सुविधा के लिए स्वागत शिविर बनाये जाते हैं
वहीं रांची के मेन रोड में इस साल के सावन माह के अंतिम सोमवारी पर बाबा भोले पर जल चढ़ाने के लिए रविवार देर रात तक श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़। रांची के आसपास के क्षेत्रों से कांवरिया आकर पहाड़ी मंदिर स्थित बाबा भोले के दरबार में जल अर्पण करते हैं। नामकुम स्थित स्वर्ण रेखा नदी से जल लेकर पहाड़ी मंदिर तक पैदल चलकर बाबा भोले को जल अर्पण करते हैं।
इसी कड़ी में स्वर्णरेखा नदी से पहाड़ी मंदिर तक जगह जगह पर समाजसेवियों के द्वारा स्वागत शिविर लगाया जाता है, जहां पर कांवरिया बाबा भोले के भजन पर झूमते नाचते पहाड़ी मंदिर तक के लिए जाते हैं। विशेष रुप से सावन महीने के चारों रविवार की रात्रि मे रांची शहर के मुख्य मार्ग मेन रोड पर पिछले 42 सालों से समाजसेवियों के द्वारा कांवरियों के सुविधा के लिए स्वागत शिविर और झूमने थिरकने के लिए भजन का आयोजन किया जाता रहा है।