बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार ने साथ और साथी बदलने का रिकॉर्ड बनाया है। हालांकि साथ और साथी बदलने वाले नीतीश को अपनी कुर्सी से कभी समझौता नहीं करना पड़ा है। क्योंकि साथ में कोई भी रहे, परिस्थितियां जैसी भी रहे, सीएम नीतीश ही रहे हैं।
3 मार्च 2000 को पहली बार बने CM

नीतीश कुमार पहली बार 3 मार्च 2000 को बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। बिना बहुमत के सीएम बने नीतीश कुमार की विदाई सात दिनों बाद 10 मार्च को हो गई। तब नीतीश कुमार को BJP का समर्थन प्राप्त था।
2005 में बने तो पूरा किया कार्यकाल

2005 में भी नीतीश कुमार BJP के ही साथ चुनाव लड़े। तब पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। नीतीश कुमार ने दूसरी बार 24 नवंबर 2005 को बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस बार नीतीश बीच में हटे नहीं, उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया।
2010 में जीत का करिश्मा

वर्ष 2005 में जब पूर्ण बहुमत में नीतीश कुमार भाजपा के साथ सरकार के मुखिया बने तो बिहार ने बड़ा बदलाव देखा। उस बदलाव का ही असर था कि बिहार की जनता ने 2010 के चुनाव में भी नीतीश कुमार पर भरोसा किया। तब उन्होंने तीसरी बार 26 नवंबर 2010 को बिहार की बागडोर संभाली।
2014 में दिया इस्तीफा

लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब नीतीश ने सीएम पद छोड़ दिया। 2014 में लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन न कर पाने की वजह से 17 मई 2014 को नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। तब नीतीश ने JDU के जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन 2015 में जीतनराम मांझी को इस्तीफा देना पड़ा और 22 फरवरी 2015 को नीतीश कुमार ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह 19 नवंबर 2015 तक अपने पद पर बने रहे।
नए साथियों के साथ 2015 का चुनाव

2015 के चुनाव में BJP से अलग होने के बाद नीतीश की पार्टी महागठबंधन का हिस्सा बनी और बहुमत हासिल किया। चुनाव में जीत के बाद 20 नवंबर 2015 को नीतीश ने पांचवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लेकिन उन्होंने बीच में ही RJD का साथ छोड़ दिया और 26 जुलाई 2017 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
RJD से अलग होने के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर BJP के साथ आ गए। इसके बाद उन्होंने 27 जुलाई 2017 की छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और कार्यकाल पूरा किया।
सातवीं बार 2020 में बने सीएम

2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश NDA के साथ चुनाव लड़े। तब नीतीश की पार्टी जरुर तीसरे नंबर पर फिसल गई लेकिन गठबंधन को बहुमत मिला। इसके बाद वे सातवीं बार CM बने।
अब आठवें बार की तैयारी
एक बार फिर नीतीश कुमार ने अपना साथ और साथी बदलने का निर्णय ले लिया है और इस बार फिर वे राजद के साथ जाने को तैयार दिख रहे हैं। जाहिर तौर पर उन्हें इस्तीफा देना होगा। उसके बाद वे फिर सीएम बनेंगे तो बिहार के इतिहास में आठवीं बार सीएम बनने वाले नीतीश पहले सीएम होंगे।