बिहार में नई सरकार के गठन के बाद पहली सुबह ही विवादों भरी रही। महागठबंधन सरकार के सामने उसके एक महत्वपूर्ण मंत्री पर विवाद गहरा गया। कानून मंत्री बने कार्तिकेय सिंह के खिलाफ जारी वारंट जैसे ही सार्वजनिक हुआ, राजनीतिक माहौल चूल्हे पर चढ़ गया। कोर्ट के वारंट के अनुसार जिस 16 अगस्त 2022 को कार्तिकेय सिंह मंत्री पद की शपथ ले रहे थे, उसी दिन उन्हें कोर्ट में पेश होना था। नवनियुक्त मंत्री सफाई दे रहे हैं कि बेल पर हैं। तो सीएम नीतीश कह रहे हैं, मुझे कुछ पता ही नहीं।
कानून मंत्री पर वारंट से बैकफुट पर नीतीश
सीएम नीतीश कुमार के दो बयान मशहूर हैं। एक में वे कहते हैं कि कानून सबके लिए समान है, कानून अपना काम करेगा। दूसरा बयान इसी से मिलता जुलता है कि वे न किसी को फंसाते हैं और न ही किसी को बचाते हैं। लेकिन उनके मंत्रिमंडल में शामिल कार्तिकेय सिंह पर विवाद के बारे में जब उनसे बुधवार को पूछा गया तो नीतीश कुमार ने तीसरा बयान दिया। उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी ही नहीं है।
कार्तिकेय की सफाई- गिरफ्तारी पर रोक लगी है
19 जुलाई को कार्तिकेय सिंह पर वारंट जारी हुआ। 12 अगस्त को उन्होंने दानापुर कोर्ट में बताया कि उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगी हुई है। अब मामला सामने आने पर कार्तिकेय यही सफाई दे रहे हैं कि उनकी गिरफ्तारी पर तो रोक लगी हुई है। लेकिन इस पर कुछ नहीं कह रहे कि रोक तो 1 सितंबर तक है। उसके बाद क्या होगा? उसके बाद तो उन्हें सरेंडर करना होगा, जमानत लेनी होगी। क्या कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह पहले से जानते हैं कि उन्हें जमानत मिल ही जाएगी? या फिर नीतीश कुमार के लिए अब मंत्रियों के आरोप मायने नहीं रखते। वैसे ये वही नीतीश कुमार हैं, जिन्होंने तेजस्वी पर आरोप लगने के बाद 2017 में सरकार से राजद को चलता कर भाजपा से हाथ मिला लिया था।
सुशील मोदी का आरोप- बेबस नीतीश को सब पता है
वहीं दूसरी ओर सालों तक नीतीश कुमार के साथ मंत्रिमंडल में डिप्टी सीएम की कुर्सी शेयर करने वाले सुशील मोदी ने सीएम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मीडिया से बात करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि वे लालू यादव की दया पर सीएम हैं। इसलिए कार्तिकेय पर कार्रवाई नहीं करेंगे। साथ ही मोदी ने यह भी कहा कि शपथ से पहले पुलिस वेरिफिकेशन होता है। उसमें कैसे पता नहीं चला कि कार्तिकेय पर मामला दर्ज है। नीतीश कुमार को सब पता है।