निर्वाचन आयोग ने दुमका से विधायक बसंत सोरेन जुड़े खनन मामले में आज की सुनवाई पूरी कर ली है। अब 29 अगस्त को सुनवाई होगी। बता दें कि इससे पहले 18 अगस्त को सीएम हेमंत सोरेन से संबंधित खनन पट्टा मामले कि निर्वाचन आयोग में सुनवाई पूरी हो गई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और भाजपा दोनों की तरफ के वकीलों ने अपना पक्ष रखा था। जो भी आवश्यक डॉक्यूमेंट थे उसे निर्वाचन आयोग को सौंप दिया गया है। अब फैसले का इंतजार किया जा रहा है। निर्वाचन आयोग किसी भी दिन अपना फैसला सुना सकती है।
हेमंत सोरेन के अधिवक्ता से लिखित सबमिशन मांगा गया था
इससे पहले निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्वाचन को चुनौती देनेवाली याचिका पर 12 अगस्त को सुनवाई की थी। निर्वाचन आयोग की तरफ से सीएम हेमंत सोरेन के अधिवक्ता से लिखित सबमिशन मांगा गया था। वरीय अधिवक्ता मिनाक्षी अरोड़ा ने निर्वाचन आयोग के समक्ष दो घंटे तक अपने मुवक्किल और सीएम हेमंत सोरेन की तरफ से बहस की थी. उन्होंने कहा था कि हेमंत सोरेन के नाम से रांची के अनगड़ा में आवंटित स्टोन माइंस का मामला लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 के 9 ए के दायरे में नहीं आता है।
भाजपा ने राज्यपाल से की थी शिकायत
बता दें कि राज्यपाल से भाजपा नेताओं ने बसंत सोरेन के खिलाफ शिकायत कर उन्हें खनन कंपनी में साझेदार बताया है। बसंत सोरेन के खिलाफ भी भाजपा ने पद का दुरुपयोग करने की शिकायत रमेश बैस से की थी। दुमका विधायक को अयोग्य करार दिए जाने की मांग की गई थी। राज्यपाल रमेश बैस ने बसंत सोरेन से जुड़ा यह मामला भी आवश्यक कार्रवाई के लिए भारत निर्वाचन आयोग को भेजा था। अब इन मामलों में दोनों भाइयों की चुनाव आयोग में पेशी जारी है।