झारखंड में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गयी है। सीएम हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अपनी रिपोर्ट राजभवन को भेज देने के बाद हलचल बढ़ गयी है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के सभी विधायकों को जल्द से जल्द सीएम आवास पहुंचने को कहा गया है। जिसके बाद जेएमएम के वरिष्ठ नेता मिथिलेश ठाकुर समेत कई पार्टी विधायकों का मुख्यमंत्री आवास पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। सीएम हाउस के बाहर हलचल बढ़ गयी है, मीडियाकर्मियों की भी भीड़ लग गयी है। जेएमएम का अगला स्टैंड क्या होगा, पार्टी किस तरह से इन सारी पस्थितियों से निपटेगी, इस पर चर्चा शुरू हो गयी है। बताया गया है कि गठबंधन में सहयोगी कांग्रेस और आरजेडी विधायकों और अन्य वरिष्ठ नेता भी कुछ देर में सीएम आवास पहुंच सकते है।
सरकार पर कोई खतरा नहीं है
वहीं मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि जो जानकारी मिली है वह मीडिया के माध्यम से मिली है। हालांकि सीलबंद लिफाफा में क्या है, इसकी जानकारी ना तो मीडिया वालों को है, ना हमें है। नतीजा नेगेटिव और पॉजिटिव है। इसीलिए जब तक नतीजा सामने नहीं आता उस पर कोई टीका टिप्पणी करना सही नहीं होगा और जो लोग इस चीज को प्रचार प्रसार कर रहे हैं। उनको जानकारी होगा या वही डायरेक्ट करते होंगे। इस तरह का समय आता है तो निश्चित तौर पर जब तक नतीजा सामने नहीं आती है इस पर किसी भी कोई भी बात कहना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमारे संख्या बल ज्यादा है और सरकार पर कोई खतरा नहीं है।