[Team Insider] भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश और नेता विधायकदल सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। भाजपा का मानना है कि विधानसभा से पारित मोब लिंचिंग बिल संविधान विरोधी,कानून विरोधी और झारखंड की परंपरा विरोधी है।
मॉब लिंचिंग का नही करते समर्थन
प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि कोई भी सभ्य समाज मॉब लिंचिंग का समर्थन नही करता और न ही भारतीय जनता पार्टी किसी भी प्रकार की मॉब लिंचिंग का समर्थन करती है। लेकिन शीत कालीन सत्र में झारखंड विधानसभा से पारित बिल असंवैधानिक,गैर कानूनी और झारखंड की परंपराओं,रीति रिवाज की व्यवस्था के खिलाफ है। यह बिल हेमंत सरकार की तुष्टीकरण नीति की पराकाष्ठा है।
वोट बैंक के लिए लाया गया
उन्होंने कहा कि इस बिल में जो प्रावधान किए गए है।अगर वह कानून बनते है तो आम आदमी का जीवन राज्य में बुरी तरह प्रभावित होगा। इसके प्रावधान समुदाय विशेष को खुश करने और वोट बैंक को मजबूत करने के लिए किए गए हैं।
मॉब को गलत ढंग से किया गया परिभाषित
उन्होंने कहा कि इस विधेयक में मॉब को गलत ढंग से परिभाषित किया गया है। इस बिल के आधार पर अगर दो व्यक्ति भले वे पति पत्नी ही क्यों न हों ,अगर किसी दुकानदार से सामान लेने से मना कर देते है,शिक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं,पेयजल ,परिवहन व्यवस्था की त्रुटियों पर सवाल खड़ा करते हुए उसका बहिष्कार करते हों, तो यह मॉब लिंचिंग ही माना जायेगा। ऐसे में किसी को निवास से बाहर करना भी अवैध माना जायेगा।
सामाजिक परंपराओं ,संस्थाओं पर है कुठाराघात
उन्होंने कहा कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में स्थानीय रीति रिवाजों के आधार पर कई फैसले लिए जाते है। इस बिल के अनुसार ऐसे दंडात्मक फैसले मॉब लिंचिंग माने जाएंगे। यह विधेयक लोक अदालत,पंचायती राज व्यवस्था पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।उन्होंने कहा कि यह बिल पूरी तरह सामाजिक परंपराओं ,संस्थाओं पर कुठाराघात है और धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाला है।
कौन कौन थे शामिल
इस प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय मंत्री और रांची की मेयर आशा लकड़ा ,प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ,डॉ प्रदीप वर्मा भी शामिल थे।