क्या आपने कभी यह सुना है कि मालिक की मौत हो जाने के बाद बछड़ा भी अपने मालिक के अंतिम दर्शन करने पहुंचा है, लेकिन ऐसा हुआ है। हजारीबाग जिले के चौपारण के चैती गांव में एक ऐसे ही अकल्पनीय घटना हुई। जिसे लेकर चर्चा का माहौल बना रहा। दरअसल चैती गांव में एक बछड़े ने अपने मालिक की मौत पर श्मशान घाट पहुंचा और रोया ही नहीं बल्कि चिता पर रखें शव की अन्य लोगों के साथ परिक्रमा किया। मलिक के शव चूमा और तब तक वहां वहां से नहीं हटा जब तक उसका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन नहीं हो गया।
हर एक की आंखें हो गई नम
हालांकि बछड़े को शव के पास आकर होता देख लोगों ने पहले हल्के में लिया, फिर डंडे से मार कर भगाने की कोशिश की लेकिन उनकी आंखें तक फटी की फटी रह गई जब बार-बार शव के पास जाने का प्रयास करने लगा। तब बड़े बुजुर्गों के कहने पर उसे शव के पास जाने दिया गया, तो उसने शव को चूमा और फिर रंभाने लगा। यह दृश्य देखकर हर एक की आंखें नम हो गई और उसे मृतक मेवा लाल का पुत्र की संज्ञा देकर दाह संस्कार में शामिल भी कराया गया। वही पूरी घटना लोगों ने अपने कैमरे में कैद की। बता दें कि शमशान घाट पहुंचे लोगों को बछड़े की जानकारी हुई तो फिर उसे लोगों ने स्नान कराया स्थान के बाद बछड़ा दाह संस्कार में शामिल हुआ और फिर वह परिक्रमा के लिए चला गया।
भव्य तरीके से उसके अंतिम यात्रा निकाली थी
लोगों ने बताया कि मेवालाल का निधन शनिवार की सुबह हो गया था। उनके भाई भतीजे ने भव्य तरीके से उसके अंतिम यात्रा निकाली थी। गाने बाजे के साथ सबका साथ श्मशान घाट पहुंचे। वहीं मेवालाल ने गाय पाल रखी थी और उसे एक बछड़ा हुआ था बछड़े को वह बहुत प्यार करते थे। परंतु पैसे की तंगी में 3 माह पूर्व से बगल के गांव पिपरा में बेच दिया था। वहीं लोग इसे चमत्कार बता रहे हैं। यह कैसे संभव है कि जिसे 3 माह पूर्व दूसरे गांव में बेच दिया हो उसे अपने मालिक की मौत की जानकारी मिल जाए और उसे देखने श्मशान घाट आ जाए। यह अपने आप में अकल्पनीय है। वहीं घटना दर्जनों लोग के सामने हुई तो लोग इसे ईश्वर की कृपा और पुत्र के समान बछड़ा का आगमन बता रहे थे।