कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव दिन प्रतिदिन दिलचस्प होता जा रहा है। अभी तक अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे या नहीं इसपर अभी सस्पेंस बना हुआ था। पर अब ये साफ हो गया है कि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से बहार हो चुके हैं। वहीं दूसरी ओर खबर ये है कि दिग्विजय सिंह कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि आज दिग्विजय सिंह दिल्ली स्थित कांग्रेस दफ्तर पहुंचे जहाँ से उन्होंने अध्यक्ष चुनाव के लिए पर्चा ले लिया है। कल यानि 30 सितंबर को दिग्विजय सिंह अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
ठंडा पड़ा गहलोत का तेवर
राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के बीच आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुलाकत हुई। अशोक गहलोत और उनके गुट के विधायक लगातार अपनी मांग को लेकर अड़े हुए थे। अशोक गहलोत और उनके 82 विधायक नहीं चाहते हैं कि सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री बने। बता दें की इन 82 विधायकों ने रविवार को राज्यपाल को इस्तीफा भी सौंप दिया था। लेकिन सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद गहलोत के सुर ओर तेवर दोनों ही ठंडे पड़ गए हैं। उन्होंने ये साफ कह कि वो कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। राजस्थान में जो कुछ भी हुआ उसे लेकर गहलोत ने सोनिया गांधी को लिखित माफीनामा भी सौंपा है।
‘जो कुछ हुआ उसका दुख है, इससे मैं बहुत आहत हूं’
सोनिया गांधी से मुलाकात के बात गहलोत ने कहा कि मैंने पिछले 50 साल से वफादार सिपाही के रूप में काम किया है। विधायक दल की बैठक के दिन हुई घटना ने मुझको हिलाकर रख दिया। उन्होंने कहा कि सभी को ऐसा लगा कि मैं मुख्यमंत्री बना रहना चाहता हूं, इसलिए मैंने सोनिया गांधी से माफी मांगी है। उन्होंने साफ कहा कि मैं इस घटना में शामिल नहीं था। फिर भी राजस्थान का मुख्यमंत्री होने के नाते मैं अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए आलाकमान से माफ़ी मांग ली है। मुख्यमंत्री पद को लेकर किए गए सवाल पर गहलोत ने कहा कि ये फैसला सोनिया गांधी लेंगी कि मैं राजस्थान का मुख्यमंत्री रहूँगा या नहीं। गहलोत के हाथ में माफीनामा भी था जिसमें सबसे ऊपर लिखा था ‘जो कुछ हुआ उसका दुख है, इससे मैं बहुत आहत हूं’।