बीते दिन रविवार को बिहार सरकार में कृषि मंत्री बने सुधाकर सिंह ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मंत्री बनाने के बाद से ही वो अपने विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ खुल कर बोल रहे थे। अपनी ही सरकार के विरोध में बोलने से नहीं चुक रहे थे। कल देर शाम को उनका इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वीकार कर अनुशंसा के लिए राज्यपाल के पास भेज दिया था। इसे लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुयी हैं। महागठबंधन की सरकार बने अभी लगभग दो महीने का वक्त हुआ है और अबतक दो मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं। पहले तो कार्तिकेय सिंह थे वही दुसरे सुधाकर सिंह। इसे लेकर विपक्ष में बैठी बीजेपी लगातार नीतीश कुमार और महागठबंधन की सरकार पर हमलावर है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि सुधाकर सिंह के इस्तीफे से उन्हें कोई फर्क ही नहीं पड़ता है।
बेफिक्र हैं नीतीश
इस्तीफे को लेकर अभी तक सुधाकर सिंह की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है। उनके इस्तीफे की जानकारी भी उनके पिता और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने दी थी। उन्होंने बताया था कि सुधाकर सिंह ने किसानों की हक़ की लडाई के लिए ये त्याग दिया है। दरअसल सुधाकर सिंह बिहार में मंडी कानून को ख़त्म किये जाने का विरोध कर रहे थे। उनकी मांग थी की बिहार में मंडी कानून लागु होना चाहिए। आज जब नीतीश कुमार से सुधाकर सिंह के इस्तीफे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बड़े ही बेफिक्र अंदाज में कहा कि उन्हें कोई फर्क्र नहीं पड़ता है।
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