बिहार में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। चुनाव की तिथि 3 नवंबर निर्धारित है। तो काउंटिंग 6 नवंबर को होनी है। इनमें एक सीट मोकामा की है। जबकि दूसरी सीट गोपालगंज की। यह चुनाव सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए बराबर महत्व रखता है। महागठबंधन में जदयू की एंट्री के बाद यह पहला मौका है, जब बिहार में कोई चुनाव हो रहा है। हालांकि Mokama सीट पर उम्मीदवार को लेकर कन्फ्यूजन नहीं है। लेकिन गोपालगंज में महागठबंधन की नाव उम्मीदवार के चयन में ही फंस सकती है।
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अनंत सिंह के सजा के बाद Mokama में चुनाव
मोकामा में विधायक अनंत सिंह को सजा होने के बाद से चुनाव कराया जा रहा है। अनंत सिंह राजद के विधायक थे। ऐसे में यह सीट राजद के पास जानी तय मानी जा रही है। इस सीट पर उम्मीदवार अनंत सिंह की पत्नी होंगी। यह लगभग तय है। हालांकि राजद ने इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है। दरअसल, Mokama की सीट के साथ राजद गोपालगंज की सीट पर भी उम्मीदवार घोषित करना चाहता है। लेकिन वहां अभी तक सीट तय नहीं है। इस पर राजद, जदयू और कांग्रेस में चर्चा जारी है।
गोपालगंज में विधायक के निधन से खाली हुई है सीट
पूर्व मंत्री सुभाष सिंह गोपालगंज सीट से विधायक थे। भाजपा के टिकट पर जीतते रहे सुभाष सिंह के निधन के बाद से गोपालगंज में भी चुनाव होना है। इसी सीट को लेकर महागठबंधन में मामला फंसा हुआ है। दरअसल, गोपालगंज से 2020 के चुनाव में महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के आसिफ गफूर थे। ऐसे में कांग्रेस एक बार फिर इस सीट को लड़ना चाहेगी। 2020 के पहले के तीन चुनावों में राजद ने भले ही चुनाव जीता न हो, पर भाजपा को टक्कर राजद ने ही दी। इस कारण राजद इसे अपनी परंपरागत सीट मानती रही है।
लेकिन माना जा रहा है कि इस बार गोपालगंज से जदयू के मंजीत सिंह चुनाव लड़ेंगे। चर्चा यह भी है कि नीतीश कुमार ने राजद को इसके लिए मना लिया है। लेकिन मंजीत के नाम पर रजामंदी नहीं बनती है तो Mokama से उलट गोपालगंज में उम्मीदवार का चयन महागठबंधन की पहली चुनौती होगी।