एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे मोतियाबिंद ऑपरेशन के नाम पर असली के जगह नकली आंख लगा दी जाती है, ऑपरेशन के बाद पता चला की कांच की गोटी लगा दी गयी है। पूर्वी सिंहभूम जिला के घाटशिला अनुमंडल के उत्तरी मउभंडार पंचायत के किताडीह का है, जहां गंगाधर सिंह नामक व्यक्ति की आंख निकालकर कांच की गोटी बनी आंख लगा दी गयी। अब यह मामला तूल पकड़ने लगा है।
गंगाधर समेत आठ लोगों का ऑपरेशन 18 नवंबर 2021 को जमशेदपुर के केसीसी आई हॉस्पिटल में हुआ था। इसके बाद किसी की आंखों की रोशनी नहीं लौटी, बल्कि अबतक उनकी आंखों से पानी गिर रहा है और दर्द हो रहा है। ऑपरेशन के पहले आंख से जो दिखाई देता था, वह ऑपरेशन के बाद नहीं दिखता है। इनमें पांच लोग गंगाधर सिंह, देवा मुर्मू, छिता हांसदा, भानु सिंह, मांझोल सिंह और टेटे गिरी किताडीह गांव के थे, जबकि दो व्यक्ति किसी अन्य गांव के थे। सभी को 24 घंटे के अंदर ऑपरेशन कर जमशेदपुर से लौटा दिया गया था।
आंख मलने के दौरान कांच की गोटी निकलकर गिर गई
इन सभी लोगों को काशिदा की एक महिला गांव की आंगनबाड़ी सहायिका सोमवारी मार्डी के साथ जाकर घर से सम्पर्क कर ले गई थी। उक्त महिला का नाम पता किसी ने नहीं पूछा। दूसरी ओर, ऑपरेशन के बाद जब गंगाधर सिंह लौटे तो लगातार उनकी बाईं आंख में दर्द हो रहा था। परिवारवालों ने अस्पताल से संपर्क किया तो दो माह तक गंगाधर सिंह को बिना परिवार के अकेले अस्पताल में इलाज किया गया। उसके बाद घर भेज दिया गया था। जिसके बाद घर में आकर आंख मलने के दौरान आंख से कांच की गोटी निकलकर जमीन में गिर गई तब पता चला कि उनकी आंख निकाली गई और उसके जगह कांच की गोली लगा दी गई ।
दोषी पाए जाने पर की जाएगी कार्रवाई
इस मामले को लेकर पूर्वी सिंहभूम के सिविल सर्जन ने भी घाटशिला अनुमंडल अस्पताल पहुंचकर मामले की जांच की इस मामले में सिविल सर्जन ने बताया कि मामले की जांच कर दोषी पाए जाने वाले के ऊपर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी अगर इसमें किसी अस्पताल की गलती है तो उस अस्पताल को भी सील कर दिया जाएगा और उसका लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा
खबर मिलते ही अनुमंडल पदाधिकारी सत्यवीर रजक ने पीड़ित के घर जाकर उनका हालचाल जाना और कहा कि उन्हें सरकारी प्रावधान के तहत जो मामले मिलना है वह दिया जाए। पीड़ित ने जमशेदपुर के केसीसी आई हॉस्पिटल के खिलाफ साकची थाना में मामला दर्ज किया है
वही केसीसी आई हॉस्पिटल के मालिक जितेंद्र शर्मा बताते हैं कि उनके हॉस्पिटल में आंख ऑपरेशन नहीं हुआ है मोतियाबिंद को लेकर मरीज गंगाधर हॉस्पिटल आए थे इनका इलाज के बाद उसे छोड़ दिया गया था इसके बाद मरीज गंगाधर ने बंगाल के किसी अस्पताल मे अपना ऑपरेशन कराया है हमारे ऊपर किसी तरह का कोई आरोप लगाए जा रहे हैं तो वह बेबुनियाद।
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गलत इंजेक्शन देने पर हाथ को काटना पड़ा था
वहीं झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री राज्य में बेहतर स्वास्थ सेवा उपलब्ध कराने की बात करते हैं लेकिन उनके गृह जिला में ही इलाज में लापरवाही बरती जा रही है। मोतियाबिंद ऑपरेशन के नाम पर असली के जगह नकली आंख लगा दी जाती है। वहीं एक अन्य मामला जमशेदपुर के सदर अस्पताल का है जहां एक लड़की पेट दर्द के इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती हुआ था लेकिन चिकित्सक को द्वारा गलत इंजेक्शन हाथ में देने के कारण उनका हाथ को काट देना पड़ा इस तरह का गलत इलाज राज के जनता को भुगतना पड़ रहा है।