राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू झारखंड राज्य के 22वें स्थापना दिवस को लेकर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगी। यह जानकारी राष्ट्रपति भवन की ओर से राज्य सरकार को दे दी गई है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू झारखंड राज्य के 22वें स्थापना दिवस को लेकर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगी। यह जानकारी राष्ट्रपति भवन की ओर से राज्य सरकार को दी गई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर झारखंड राज्य स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर निमंत्रण स्वीकार करने पर आभार प्रकट किया है। सीएम ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का वीर शहीदों की धरती पर स्वागत किया है।
बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू भी जाएंगी राष्ट्रपति मुर्मू
जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रांची के मोरहाबादी में आयोजित होने पर राजकीय समारोह और खूंटी स्थित बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगी। दूसरी ओर राज्य सरकार ने राज्य स्थापना दिवस को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। मुख्य सचिव सुखदेव सिंह शुक्रवार को विभागीय सचिवों के साथ बैठक में उद्घाटन की जाने वाली योजनाओं पर विमर्श करेंगे। इसके बाद सीएम हेमंत सोरेन की स्वीकृति से सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा। मंत्रिमंडल सचिवालय और निगरानी की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने भी तैयारी से संबंधित विभागों के सचिवों को कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्थापना दिवस के मौके पर राज्य के विभिन्न वर्ग के लोगों को कई तोहफा देंगे। सीएम सारथी, गुरुजी क्रेडिट कार्ड सहित अन्य सौगात के लिए तैयारी की जा रही है। राज्य मंत्रिपरिषद की 10 नवंबर को होने वाली बैठक में नई योजना पर मुहर लगेगी।
ये भी पढ़ें: Saraikela: थाना परिसर में नाबालिग ने की आत्महत्या, पढ़ें क्या है पूरा मामला
झारखंड की राज्यपाल रही हैं द्रौपदी मुर्मू
गौरतलब है कि राष्ट्रपति निर्वाचित होने से पहले द्रौपदी मुर्मू कार्यकाल से 1 साल अधिक यानी पूरे 6 साल तक झारखंड की राज्यपाल रहीं। द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल रहीं। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने यूपीए उम्मीदवार की बजाय एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिया था। इसकी वजह ये रही कि झारखंड मुक्ति मोर्चा झारखंड के आदिवासियों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करती है। उनका राजनीतिक आधार है। दूसरी अहम बात है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जिस संथाल आदिवासी समाज से आते हैं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी उसी समाज से आती हैं। राष्ट्रपति झारखंड आ रही हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू का ये पहला झारखंड दौरा होगा।