बिहार के शेखपुरा में अनारकली के नाम से मशहूर हथनी का सोमवार को निधन हो गया। दो क्रेनों की मदद से हथिनी अनारकली को ट्रक पर लादकर मेहूस गांव लाया गया। हथिनी की शव यात्रा ढोल-बाजे के साथ निकाली गई। शव यात्रा में उसको मालिक सूर्यमणि सिंह और उसकी देखरेख करने वाले मो. फहिम के साथ गाँव के कई लोग शामिल हुए। हथिनी इलाके में काफी मशहूर थी। लोग उसे शुभ कार्यों के लिए ले जाते थे।
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उपहार में मिली थी अनारकली
सूर्यमणि सिंह को उनके ससुराल से उपहार के रूप में हथनी अनारकली मिली थी। इसके बारे में गाँव के ही एक सामाजिक कार्यकर्ता पाटो सिंह ने जानकारी दी। वर्ष 1978 में लखीसराय जिला के दरियापुर में सूर्यमणि सिंह की शादी हुई थी। शादी में ही उनके ससुराल वालों हथनी अनारकली को ऊपर के रूप में उन्हें दिया था। तब से ये हथनी सूर्यमणि सिंह के पास थी। पिछले कुछ समय से वो बीमार चल रही थी। सोमवार को 50 वर्ष की उम्र में उसकी मृत्यु हो गई। उन्होंने बताया कि हथनी बहुत मशहूर थी लोग दूर-दूर से उसको देखने के लिए आते थे।