एक कहावत है कि एक जंगल में दो शेर नहीं रह सकते हैं। बिहार की राजनीति में इन दिनों ये कहावत केन्द्रीय मंत्री पशुपति पारस और उनके भतीजे चिराग पासवान के लिए प्रयोग किया जा रहा है। हालाकिं अब खुद पशुपति पारस ने साफ कर दिया है कि असली शेर वहीं हैं और उनके भतीजे भालू हैं। दरअसल पशुपति पारस ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस किया। इस दौरान चिराग पासवान के NDA में शामिल होने को लेकर सवाल किया गया। जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि एक जंगल में शेर और भालू रह सकते हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि यदि चिराग NDA में शामिल होयते हैं तो उनका सबसे पहले स्वागत करेंगे। उनके इस बयान से ये तो साफ है कि चिराग के NDA में आने पर चाचा पशुपति पारस कम्प्रोमाइज करने के लिए तैयार हैं।
“मंत्री नहीं बनेंगे चिराग”
बीजेपी से चिराग की बढ़ती करीबियों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। मोकामा और गोपालगंज उपचुनाव में चिराग ने बीजेपी के समर्थन में प्रचार करने के बाद इन चर्चाओं ने और तूल पकड़ लिया है। ऐसा माना जा रहा कि चिराग जल्द ही NDA में शामिल होने की घोषणा कर सकते हैं। ये भी माना जा रहा है कि जब केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में चिराग को मंत्री पद दिया जाएगा। लेकिन चिराग के मंत्री बांये जाने वाली बात पर आज पशुपति पारस ने फूल स्टॉप लगा दिया। उन्होंने कहा कि अगले एक साल तक केन्द्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होने वाला है। फिर चिराग को मंत्री कहाँ से बनेंगे।