बिहार में इनदिनों बीजेपी नेताओं को लेकर जमकर सियासत हो रही है। दरअसल बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी नेताओं को अपना सरकारी आवास खली करना था। पर पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी और तारकिशोर प्रसाद सहित कई बीजेपी के नेताओं ने ऐसा नहीं किया। जिसके बाद उनकों भवन निर्माण विभाग की तरफ से भारी-भरकम जुर्माने का नोटिस भिजवा दिया गया है। जिसके बाद से इसपर जमकर सियासत हो रही है। बीजेपी के नेता बिहार सरकर पर जानबूझ कर विपक्ष को परेशान करने का आरोप लगा रहे हैं। वही अब इस पुरे मामले में सुशील मोदी की एंट्री हो गई है।
उन्होंने सीधे-सीधे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के इशारे पर चल रहे हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सत्तारूढ दल के दर्जनों लोग अवैध तरीके से सरकारी आवासों में रह रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जिन भाजपा नेताओं को आवास खाली करने का नोटिस दिया गया है, पहले उनके नाम आवंटित आवास को खाली करा कर और उसे रहने लायक बना कर दिया जाना चाहिए।
‘अवैध कब्जे के मुद्दे पर श्वेत पत्र जारी करें नीतीश‘
सुशील मोदी ने एक साथ नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों को पाने निशाने पर लिया । उन्होंने कहा कि 2017 में महागठबंधन सरकार गिरने के बाद तत्कालीन डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव 5, देशरत्न मार्ग स्थित सरकारी बंगला खाली करने की नोटिस के बावजूद बिना कोई अतिरिक्त भुगतान किये न केवल डेढ़ साल तक वहाँ बने रहे, बल्कि हाईकोर्ट में मुकदमा हारने के बाद सुप्रीम कोर्ट तक गए। भाजपा का कोई जनप्रतिनिधि किसी सरकारी आवास में तेजस्वी यादव की तरह जबरदस्ती नहीं रहना चाहता।
सुप्रीम कोर्ट ने 50 हजार रुपये का जुर्माना लगा कर तेजस्वी यादव को वह बंगला खाली करने का आदेश दिया था, जिसकी साज-सज्जा पर जनता के करोड़ों रुपये बहाये गए थे। उसके बाथरूम तक कुल 46 एसी लगे थे। सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए खा कि यदि हिम्मत है तो वो सरकारी आवासों पर अवैध कब्जे के मुद्दे पर श्वेत पत्र जारी करें।