भारतीय जनता पार्टी ने नई तरह की राजनीति करनी शुरू कर दी है। अब बीजेपी हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिम वोटों पर को भी साधने की रणनीति तैयार कर रही है। जिसे लेकर बीजेपी ने प्लानिंग भी कर ली है। ऐसे तो बीजेपी कभी भी मुसलमानों के लिए कोई बड़ा कार्यक्रम करने के लिए नहीं जानी जाती है। लेकिन इस बार वो अपने लीक से हटकर काम कर काम करने जा रही है। बीजेपी मुसलमनों के लिए एक बड़ा कार्यक्रम बिहार की राजधानी पटना में 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर करने जा रही है। जिसे लेकर तैयारियां जारी है। इस कार्यक्रम के जरिए बीजेपी की निगाहें पसमांदा मुस्लिम वोटों पर है।
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पटना में कार्यक्रम के पीछे BJP की रणनीति
सबसे बड़ी बात ये है कि आखिर बीजेपी ये कार्यक्रम पटना में ही क्यों करने जा रही है। बता दें कि बीजेपी इस कार्यक्रम के लिए ईबीसी, दलितों, आदिवासियों और पसमांदा मुसलमानों के प्रतिभागियों को अपने बकाया की मांग के लिए एक समूह के रूप में काम करने के लिए तैयार करने की रणनीति बना रही है। इसके पीछे बीजेपी की सोची समझी रणनीति है। दरसअल आकडों पर गौर करें तो बिहार में 16.9 प्रतिशत मुसलमान हैं जिसमें लगभग 80 प्रतिशत पसमांदा मुसलमान ही हैं। पटना में प्रोग्राम कर बीजेपी इन्ही पसमांदा मुसलमान वोटरों को साधना चाहती है।
पसमांदा मुसलमान पर गरमाई सियासत
बिहार में पसमांदा मुसलमान को लेकर सियासत गरमाई हुई है। पिछले दिनों बीजेपी प्रवक्ता अजफर शम्शी ने भी कहा था कि पसमांदा मुसलमानों को विकास से महरूम रखा गया है। वही बिहार महागठबंधन के नेता बीजेपी द्वारा आयोजित कराए जाने वाले कार्यक्रम पर जम कर निशाना साध रहे हैं। महागठबंधन के नेता नीतीश-लालू को मुसलमानों का सच्चा रहनुमा बता रहे। बता दें कि नीतीश सरकार में राजद कोटे से बने तीन मुस्लिम मंत्री में से दो पसमांदा मुस्लिम ही हैं।