जनता की समस्या सुनने के लिए जनता दरबार लगाने की परंपरा बिहार में पुरानी है। सीएम नीतीश कुमार इसे अपनी खासियत बताते रहे हैं। लेकिन नीतीश कुमार के पुराने साथी रहे भाजपा के नेता भी समानांतर जनता दरबार लगाते रहे हैं। नीतीश कुमार हर सोमवार को विभागवार जनता दरबार लगाते हैं। इसमें सभी संबंधित मंत्री भी रहते हैं। इसके बावजूद भाजपा के नेता अलग अलग दिनों पर जनता दरबार लगाते रहते थे। अब यही परंपरा आज यानी मंगलवार से राजद भी शुरू कर रहा है।
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पार्टी दफ्तर में राजद के मंत्रियों का जनता दरबार
राजद कोटे के मंत्री भी से पार्टी दफ्तर में जनता दरबार लगाने जा रहे हैं। बीजेपी की तर्ज पर अब राजद कोटे के मंत्री भी अपने पार्टी दफ्तर में बैठेंगे और जनता की समस्याएं सुनेंगे। इसकी शुरुआत आज यानी मंगलवार से हो रही है। पहले दिन भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री इस्माइल अंसारी आम लोगों की समस्याएं सुनेंगे।
जनता दरबार बनाम सुनवाई
सीएम नीतीश कुमार जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए जो कार्यक्रम चलाते हैं, उसे जनता दरबार का नाम दिया गया है। लेकिन राजद ने अपने कार्यक्रम का नाम ‘सुनवाई’ दिया है। वैसे सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार के कांसेप्ट पर आरसीपी सिंह कई बार तंज कस चुके हैं। आरसीपी ने कहा था कि जनता की समस्याओं को निपटाने में नीतीश सरकार विफल रही है। तभी तो सबको पटना आकर समस्या बतानी पड़ती है।