आखिरकार, समाजवादी इत्र (Samajwadi Ittar) बनाने वाले पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी जैन के घर पर भी छापा पड़ ही गया। इसके साथ ही, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का आईटी रेड (IT Raid) पर लगातार दिए जा रहे बयान पर एक प्रकार से मुहर लगती दिख रही है। दरअसल, कानपुर और कन्नौज के इत्र व्यापारी पीयूष जैन (Piyush Jain) पर आयकर और सीबीआईसी के छापों के बाद से यूपी चुनाव (UP Chunav) के मैदान में भ्रष्टाचार का मुद्दा गरमाया हुआ है।
- समाजवादी पार्टी से संबद्ध पुष्पराज जैन के ठिकानों पर पड़ा है आयकर का छापा
- कन्नौज और मुंबई के ठिकानों पर छापेमारी से गरमाई उत्तर प्रदेश की सियासत
- समाजवादी पार्टी ने भाजपा पर लगाया है केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप
- यूपी चुनाव को लेकर भाजपा भ्रष्टाचार पर कार्रवाई के मुद्दे पर लगातार है हमलावर
कानपुर
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2022 (UP Assembly Election 2022) से भ्रष्टाचार का मुद्दा एक बार फिर गरमाया हुआ है। यह मुद्दा समाजवादी पार्टी अध्यक्ष (Akhilesh Yadav) की मुश्किलें बढ़ाने वाला साबित हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) आईटी रेड के मुद्दे को लेकर आक्रामक है। वहीं, यूपी चुनाव के मैदान में उतरे पीएम नरेंद्र मोदी (Naredra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) भी इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को घेरने में लगे हुए हैं। इस एक मुद्दे ने पिछले दिनों अखिलेश यादव की साख को काफी नुकसान पहुंचाया और भाजपा का ग्राफ इसके साथ ही बढ़ता दिख रहा है।
एबीपी सर्वे से बदली है तस्वीर
यूपी चुनाव (UP Election) को लेकर यह बात हम हवा में नहीं कर रहे। एबीपी न्यूज सी-वोटर के सर्वे (ABP C-Voter Survey) में यह साफ तौर पर दिख रहा है। 14 दिसंबर को आए एबीपी न्यूज के सर्वे में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश के 46 फीसदी लोगों की पसंद बनी हुई थी, वहीं, 29 दिसंबर को आए सर्वे में भाजपा को पसंद करने वाले लोगों की संख्या 49 फीसदी हो गई। मतलब, साफ है कि प्रदेश की करीब आधी जनता भाजपा को फिर से सत्ता में वापस लाने का मन बना रही है। वहीं, आधे लोगों अन्य दलों के पक्ष में हैं। यह तस्वीर अखिलेश यादव को किसी भी स्थिति में सूट नहीं करती दिख रही है।
अखिलेश ने दी थी सफाई
कानपुर में इत्र व्यापारी पीयूष जैन के घर और कन्नौज स्थित उसकी फैक्ट्री पर छापेमारी के क्रम में जिस प्रकार से भारी मात्रा में कैश की बरामदगी हुई और उसके बाद जो सवाल उठे, उसने अखिलेश यादव को परेशान किया। पीएम मोदी ने कानपुर मेट्रो के लोकार्पण के मौके पर जब प्रदेश में भ्रष्टाचार का इत्र छिड़कने की बात कही तो मामला काफी आगे चला गया। समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल के दौरान के भ्रष्टाचार की तरफ मामला बढ़ता देख अखिलेश ने तो पहले पीयूष जैन का समाजवादी पार्टी से किसी प्रकार का कनेक्शन से इनकार किया। इसके बाद उन्होंने सीधा हमला भाजपा पर बोला। उन्होंने कहा कि कन्नौज के इत्र कारोबार को बढ़ाने के लिए भाजपा ने कुछ नहीं किया, अब बदनाम कर रहे।
बीच में आ गया ‘समाजवादी इत्र’
अखिलेश यादव जब भाजपा पर हमला कर रहे थे तो उन्होंने समाजवादी इत्र का भी जिक्र किया। इस क्रम में उन्होंने पुष्पराज जैन का नाम लिया। पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी जैन सपा से संबद्ध हैं। उन्होंने यूपी चुनाव को लेकर समाजवादी इत्र का निर्माण कराया है। अखिलेश ने दावा किया था कि छापा तो पुष्पराज जैन के यहां पड़ना था, लेकिन डिजिटल मिस्टेक के कारण पीयूष जैन के यहां पड़ गया। इसके पीछे उनका तर्क था कि पी. जैन नाम से छापेमारी की जानी थी। भाजपा ने अपने ही कारोबारी के यहां छापा मरवा दिया। अब उन्होंने पुष्पराज जैन का नाम लिया और आयकर की टीम शुक्रवार को उनके ठिकानों पर पहुंच गई।
पुष्पराज जैन के ठिकानों पर चल रही छापेमारी
पीयूष जैन के घर से जिस प्रकार से करीब 257 करोड़ रुपये कैश की बरामदी की गई, उसने जांच एजेंसियों के साथ-साथ आम लोगों को भी हैरत में डाल दिया। जीएसटी की चोरी कर कैश में डीलिंग का पूरा मामला बना। अब पुष्पराज जैन की बारी है। उनके कन्नौज स्थित ठिकानों पर छापेमारी चल रही है। इसमें एडजिन परफ्यूम्स प्राइवेट लिमिटेड, मलाड वेस्ट, मुंबई और आदि प्रोपर्टीज, कंजूर पुलिस स्टेशन के पीछे, कंजूरमार्ग ईस्ट में आयकर की टीम पहुंची है। छापेमारी अभियान जारी है और इसने एक बार फिर यूपी की राजनीति को गरमा दिया है।
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार काम कर रही है। इत्र व्यापारी के घर से अगर बोरा में भर-भरके कैश निकल रहा है तो अखिलेश जी, क्यों परेशान हैं? अगर उनका आदमी नहीं है तो पेट में मचलन क्यों हो रही?
उन्नाव की जनसभा में अमित शाह
अमित शाह ने बोला है हमला
अमित शाह ने आईटी और सीबीआईसी रेड के मामलों पर सीधे अखिलेश यादव पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि गुरुवार को रैलियों में उन्होंने कहा कि टैक्स चोरी करने वाले किसी भी स्थिति में बख्शे नहीं जाएंगे। बक्सों में भर-भर कर जो कैश निकला है, उसको लेकर अखिलेश जी के पेट में मचलन मची है। कह रहे हैं कि हमारा आदमी नहीं था। अगर आपका आदमी नहीं है, तो परेशान क्यों हैं? उनके बयान के अगले दिन पुष्पराज जैन के घर पर छापेमारी से भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी अभियान चलाने के अपने दावे को भाजपा पुख्ता तौर जनता के बीच स्थापित करने की कोशिशों में जुट गई है। वहीं, सपा इसे एक राजनीतिक अभियान बता रही है।