बिहार के रोहतास जिले के चंदन पहाड़ी 23 सौ साल पूर्व सम्राट अशोक ने लघु शिलालेख स्थापित है। जिसे अतिक्रमित कर माजर का रूप दे दिया गया था। लंबे समय से इस अतिक्रमण को हटाए जाने की मांग उठाई जा रही थी। लेकिन अब इस शिलालेख को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने अपने संरक्षण में ले लिया है। बीते दिन मंगलवार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की ऑफिसियल ट्वीटर हैंड से ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। जिसके बाद से इसको लेकर बिहार में सियासत भी खुब हो रही है। बीजेपी इसके लिए खुद क्रेडिट लेने में लगी हुई है। वही इस मामले में बीजेपी लालू यादव और नीतीश कुमार पर निशाना साध रही है। आज यानी बुधवार को नेताप्रतिपक्ष असम्रत चौधरी ने प्रेस कांफ्रेस कर शिलालेख को अतिक्रमण मुक्त कारण के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद कहा साथ ही लालू और नीतीश कुमार को अतिक्रमण के लिए दोषी ठहराया।
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लालू-नीतीश पर तुष्टिकरण का आरोप
मीडिया से बात करते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि चंदन पहाड़ी पे शिलालेख को अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया है। लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की सरकार के समय मतलब बीते 25 साल से सम्राट अशोक के शिलालेख पर अवैध कब्जा था। तुष्टिकरण की नीति के कारण दोनों ने शिलालेख को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया था। उन्होंने कांग्रेस पर भी आरोप लगाया है की उनके नेता ने अशोक के शिलालेख पर कब्ज़ा किया हुआ था।
महागठबंधन के लोग चाहते नहीं है हमारा इतिहास लोगों को पता चले। सम्राट चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद कहते हुए कहा कि मामले के संज्ञान में आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यालय से अतिक्रमण को खाली कराने के लिए मॉनिटरिंग की गई। उन्होंने कहा कि बीजेपी 10 दिन के अंदर शिलालेख की पूजा करेगी। उन्होंने सरकार से शिलालेख के सौन्दर्यीकरण की भी उन्होंने मांग की है।