पूर्व विधायक समरेश सिंह के निधन के बाद मिली सूचना पर राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी बोकारो पहुंचे। बाबूलाल मरांडी ने सेक्टर चार स्थित समरेश सिंह के आवास में पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने परिजनों से भी मुलाकात की और उन्हें इस दुख की घड़ी में हिम्मत के साथ काम लेने की बात कही। बाबूलाल मरांडी के साथ बोकारो विधायक बिरंचि नारायण बेरमो के पूर्व विधायक योगेश्वर महतो सहित कई भाजपा के नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
संघर्ष का दूसरा नाम समरेश सिंह था
इस दौरान बाबूलाल मरांडी ने कहा कि समरेश सिंह के जैसा हिम्मती नेता और आंदोलनकारी नेता ना हुआ है और ना होगा। उन्होंने कहा कि संघर्ष का दूसरा नाम समरेश सिंह था। उन्होंने समझौते की राजनीति कभी नहीं की और उन्होंने सम्मान के साथ कभी समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने जीवन के अंतिम समय में भी संघर्ष करने का काम किया। जिस प्रकार उनकी आवाज बंद हो गई और बोल नहीं पाते थे ऐसे में समझ सकते हैं कि बोलने वाला व्यक्ति किस प्रकार संघर्ष कर रहा होगा। उन्होंने कहा कि समरेश सिंह में जो हिम्मत और जुनून था, वह झारखंड में किसी भी नेता में नहीं हो सकता है। क्योंकि नेता भाषणों में तो बड़ी-बड़ी बात करते हैं। लेकिन हिम्मत की बात सिर्फ समरेश सिंह में ही थी।