कुढ़नी उपचुनाव में जेडीयू प्रत्याशी की हार ने कई तरह के अलग-अलग बहसों को जन्म दे दिया है। विपक्ष नीतीश कुमार के जनाधार को लेकर सवाल खड़ा करता रहता है, जिसे कुढ़नी में जेडीयू की हार के बाद और भी बल मिला गया है। राजद और जेडीयू के उपचुनावों में प्रदर्शन की भी तुलना खुद हो रही है। वहीं राजनीतिक गलियारों में इस बात को भी लेकर हलचल तेज है कि कुढ़नी की हार से महागठबंधन में दरार की नींव पड़ गई है। इस चर्चा को राजद की तरफ से दिए गए एक बयान ने और हवा दे दी है। जिसमें हार का ठीकरा जेडीयू और नीतीश कुमार के सर फोड़ा गया है।
कुढ़नी में नीतीश लगे किनारे तो डैमेज कंट्रोल के लिए मैदान में उतरे तेजस्वी
“महागठबंधन नहीं, नीतीश हारे”
आरजेडी के पूर्व विधायक अनिल साहनी ने एक ऐसा बयान दिया है जिसके बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुढ़नी में चूक जनता दल यूनाइटेड और नीतीश कुमार से हुई है। अगर कोई हारा है तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हारे हैं महागठबंधन की हार नहीं हुई है। अति पिछड़ा के साथ नीतीश कुमार ने अन्याय किया है इसीलिए वहां से हार मिली है। अनिल साहनी ने हार के बाद नीतीश कुमार से उनका इस्तीफा मांग लिया और कहा कि नीतीश कुमार को इस्तीफा देकर तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना चाहिए।
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तेजस्वी की चुप्पी का मतलब
कुढ़नी उपचुनाव के परिणाम पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बहुत नपे-तुले अंदाज में अपनी प्रतिक्रिया दी है। वो डैमेज कंट्रोल करते दिखे, हालांकि उन्होंने ये बात जरुर कही कि कहाँ कमी रह गई इसे देखना पड़ेगा। लगे हाथों उन्होंने कुढनी पर प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया पर करार प्रहार कर डाला। लेकिन इस सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली। जब तेजस्वी यादव ये सवाल किया गया कि ‘जानकारी ऐसी है कि राजद के वजह से ही जेडीयू को इतने वोट मिल सका है।’ इस सवाल से तेजस्वी पल्ला झाड़ते दिखे। उनकी चुप्पी के कई मायने लगाए जा रहे हैं।