एक बार फिर चीन ने गलवान वाली चाल चलने की कोशिश की है। भारतीय सैनिकों की जांबाजी के वजह से चीन की चाल नाकाम रही। मिली जानकारी के अनुसार भारतीय और चीन के सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को झड़प हुई है। झड़प अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी पर हुई थी। बताया जाता है कि एलएसी के करीब आने की चीनी सैनिक कोशिश कर रहे थे। लेकिन उनके इस प्रयास को भारतीय सैनिकों ने विफल कर दिया है।
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संसद में रक्षा मंत्री ने दी जानकारी
भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प का मुद्दा आज संसद में भी गूंजा। खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस झड़प को लेकर सारी जानकारियां साझा की। राजनाथ सिंह ने इस बात को स्वीकार की चीनी सैनिकों द्वारा अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर एलएसी में नियंत्रण रेखा पर अतिक्रमण करने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी सेना ने चीनी सैनिकों का डटकर सामना किया और चीनी सैनिकों को उनके जगह पर पहुंचा दिया। राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि इस झड़प में हमारा एक भी सैनिक ना गंभीर रूप से घायल हुआ और ना ही किसी सैनिक मौत हुई है।
झड़प पर सरकार गंभीर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 300 से अधिक चीनी सैनिक तवांग सेक्टर पर तैनात भारतीय सैनिकों पर गलत मंसूबे से हमला करने की तैयारी में थे। जिसका मुँहतोड़ जवाब भारतीय सैनिकों ने दिया और चीनी सैनिकों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों की बीच हुए झड़प में भारतीय सैनिक भारी पड़े। जिसके बाद चीनी सैनिकों को पीछे हटना पड़ा। मामले की गंभीरता को समझते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज एक अहम बैठक बुलाई है। जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान, वायुसेना चीफ एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, नेवी चीफ एडमिरल आर हरि कुमार, विदेश सचिव और डिफेंस सचिव शामिल होंगे।