ये सवाल काफी समय से चला रहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सियासी वारिस कौन होगा? जेडीयू से होगा या फिर जेडीयू बाहर से? क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हालिया बयानों से यही लगता है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर उनका मोहभंग हो गया है। वही राष्ट्रीय राजनीति को लेकर नीतीश कुमार की दिलचस्पी रहे-सहे झलक ही जाती है। बीते दिनों ही एक कार्यक्रम में उन्होंने ये बात कही थी कि “हम तो कब से बिहार में विकास का काम करवा ही रहे हैं। लेकिन अब तेजस्वी जी को ही सब आगे बढ़ाना है। हमको तो जितना करना था, वो कर दिए। अब इन्ही को एक-एक काम करवाना है।
इसके लिए अब वो सबकुछ देख रहे हैं और समझ रहे हैं।” जिसके बाद से सियासी गलियारों में तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया। इन चर्चाओं पर फिर से नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दे दी है, जिससे ये तय हो गया है कि नीतीश कुमार का सियासी वारिस कौन होगा।
तेजस्वी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2025 का बिहार विधानसभा का चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। अपने इस बयान से पहले के दिए हुए बयानों पर उन्होंने मुहर लगा दी है। मतलब साफ है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री का पद तेजस्वी को सौंपने के लिए तैयार हैं। इससे पहले भी वो कई बार इस बात का संकेत दे चुके पर इस बार तो उन्होंने साफ तौर पर ये स्वीकार कर लिया कि आने वाले चुनाव की अगुआई तेजस्वी यादव ही करेंगे।
पीएम पद की चाह पर दो टूक
सियासी गलियारों में इस बात की भी खुब चर्चा हो रही है कि नीतीश कुमार पीएम पद की चाह में सीएम की कुर्सी छोड़ने की प्लानिंग में है। उनकी पार्टी की तरफ से भी उन्हें बार-बार पीएम मटेरियल बताया जा रहा है। वही अब तो राजद की तरफ से भी नीतीश कुमार के पीएम मटेरियल वाले बयान का समर्थन किया जा रहा है। इन सभी चर्चाओं पर एक बार नीतीश कुमार ने दो टूक जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि “मैं प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं हूं। हम सब मिलकर सिर्फ बीजेपी को हटाना चाहते हैं।”