सारण जिले में जहरीली शराब से मौत की घटना के कारण विधानसभा सदन के बाहर से लेकर अंदर तक का माहौल गरमाया हुआ है। बिहार विधानसभा के अंदर सत्तापक्ष और भाजपा के बीच तनातनी बढ़ी है। तरैया से भाजपा विधायक जनक सिंह तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। तो दूसरी ओर जदयू के पूर्व महासचिव व वरीय नेता शैलेंद्र प्रताप सिंह ने भाजपा विधायक के आचरण पर ही सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने सारण के तरैया विधानसभा क्षेत्र के इसुआपुर प्रखंड अंतर्गत डोइला गांव में हुई मौतों पर संवेदना व्यक्त करते हुए पूरे मामले पर स्थानीय विधायक जनक सिंह पर लाशों की राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा जनक सिंह इस मामले में व्यर्थ राजनीति कर रहे हैं। उनसे तो अपना ही घर नहीं संभल रहा है।
‘शराब माफियाओं के संरक्षक हैं जनक सिंह’
शैलेंद्र प्रताप सिंह ने विधायक पर शराब माफियाओं का विधायक के संरक्षक होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनकी शह पर अवैध शराब के कारोबारी फल फूल रहे हैं। सरकार की पाबंदी और सख्ती के बावजूद डोइला में लोग डर नहीं रहे। इसका मतलब विधायक उनकी ढाल बने हैं। उनसे अपना गांव ही नहीं सम्भल रहा तो क्षेत्र क्या संभलेगा। विधायक अपने गांव में भी लोगों को इससे दूर रहने के प्रति जागरूक करने या प्रेरित करने में भी अक्षम हैं। जिन लोगों की मौत हुई है, उनकी शराब पीने की लत क्या विधायक वाकिफ नहीं थे।
‘शराब माफियाओं को दिया जा रहा संरक्षण’
शराब माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि तरैया व इसुआपुर के इलाके में शराब को लेकर पहले भी घटनाएं होती रही है। विधायक समेत चंद लोग जो भाजपा और सामंती ताकतों से संबंध रखते हैं, इस धंधे को संरक्षण दे रहे हैं। इसमें शामिल लोगों का पालन पोषण कर रहे हैं। विधायक को क्षेत्र के जरूरतमंदों से नहीं, इस तरह के ही धंधे में लिप्त लोगों से मतलब है। योजनाओं की ठेकेदारी करने वाले लोगों के संरक्षक हैं। सरकार की योजनाओं के बारे में व्यक्तिगत रूप से कैसे और कहां से लाभ हो इस फेरे में ही उनका समय गुजरता है।