सारण शराबकांड को लेकर बिहार की सियासी हडकंप मचा हुआ है। जहरीली शराब से हुई मौतों का आंकड़ा 70 के पार जा चुका है। अभी भी कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है। इस घटना के बाद से ही विपक्ष ने बिहार सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सरकार से मृतकों के परिवार को मुआवजा देने की मांग की जा रही है। पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद विधानसभा के अंदर इस बात का ऐलान किया है कि जहरीली शराब पीकर मरने वालों के परिजनों को सरकार मुआवजा नहीं देगी। आज जब जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा से मुआवजे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बात का समर्थन किया। यहाँ तक तो ठीक था पर मुआवजा ना देने को लेकर उन्होंने जो थ्योरी पेश की वो काफी हैरान करने वाला था।
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मृतकों की तुलना बम बनने वाले से
उपेन्द्र कुशवाहा ने मुआवजा ना देने के पीछे जो लॉजिक पेश किया वो काफी चौंकाने वाला था। उन्होंने मृतकों की तुलना बम बनने वालों से कर दी। उन्होंने कहा कि यदि कोई बम बनाए और उसमें विस्फोट हो जाए और उस विस्फोट में कई लोगों की जान चली जाए तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की नहीं होगी। वहीं विपक्ष द्वारा मुआवजे की मांग पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि विपक्ष का काम ही है सिर्फ विरोध कारना इसलिए वो विरोध करते रहे। विपक्ष को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किस बात का विरोध किया जाए और किस बात नहीं। विपक्ष के नेताओं को व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।