कोरोना की भयावहता एक बार फिर डराने लगी है। पूरी दुनिया में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। भारत में भी इसको लेकर प्रशासनिक सतर्कता बरतने की शुरुआत हो रही है। ऐसे में क्रिसमस और न्यू इयर का जश्न फीका पड़ने की आशंका है। पाबंदियों का दौर अभी लौटा तो नहीं है लेकिन कोरोना के बढ़ते मामले जता रहे हैं कि मास्क वाले दिन लौटने वाले हैं। WHO ने भी साफ कर दिया है कि कोरोना के पूरी तरह समाप्त होने की घोषणा अभी जल्दबाजी है। दूसरी ओर दुनिया में कोरोना के कहर को देखते हुए PM नरेंद्र मोदी ने बुधवार को हाई लेवल बैठक बुलाई है।
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कोरोना से निपटने की तैयारी पर PM की बैठक
PM Narendra Modi ने कोरोना की स्थिति से निपटने के लिए बैठक बुलाई है। इसमें कोरोना के BF-7 वैरिएंट को लकर बात की जाएगी। इसके अलावा राज्यों की भी मीटिंग है। वहीं उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली और उत्तराखंड जैसे राज्य भी कोरोना को लेकर सतर्क हो गए हैं। बैठकों में तैयारियों का खाका खींचा जा रहा है। बंगाल में भी सीएम ममता बनर्जी ने अधिकारियों को कमेटी बनाकर मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया है। दूसरी ओर यूपी की योगी सरकार ने साफ कर दिया है कि कोरोना के ज्यादा मामले वाले देशों से आने वाले नागरिकों की पर्याप्त जांच की जाएगी।
मास्क पर हो सकता है फैसला
कोविड के मामले कम होने के बाद मास्क पर ढ़िलाई बरती जाने लगी थी। लेकिन PM मोदी द्वारा बुलाई बैठक में एक बार फिर मास्क को अनिवार्य करने पर विचार हो सकता है। अभी पाबंदियां कड़ी होने की आशंका तो नहीं है। लेकिन मास्क जैसी एहतियाती कदम उठाने पर फैसला संभावित है। दरअसल, कोरोना के नए वेरिएंट से चीन में हालात बेकाबू हो रहे हैं। इटली, फ्रांस, जापान, अमेरिका में भी हालत मुश्किल वाले हो रहे हैं। इसलिए भारत में भी सतर्कता बरतने की शुरुआत हो रही है।
बूस्टर डोज को लेकर जागरुकता जरुरी
दरअसल, कोविड को लेकर भारत में स्थिति दूसरे देशों की तरह भयावह नहीं है। क्योंकि वैक्सीन के दो डोज बड़ी आबादी को लग चुके हैं। नए वेरिएंट के जिन चार मरीजों को आइडेंटिफाई किया गया था, वो रिकवर हो चुके हैं। लेकिन सबसे बड़ी परेशानी बूस्टर डोज को लेकर है क्योंकि देश में अभी 28 फीसदी लोगों ने ही कोरोना का बूस्टर डोज लिया है।