ईडी कार्यालय में बेरमो से कांग्रेस विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह से लगभग 10 घंटे की लंबी पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद ईडी दफ्तर से निकलने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा ईडी ने हमें एज कंप्लेनर हमें बुलाया था और हमने ईडी का पूरा सहयोग किया है। हमने जो सीआईडी को जो बताया है जो सहयोग किया है वही सहयोग हमने यहां किया है। कैश कांड में जो तीन विधायक शामिल थे और जो सरकार को अस्थिर करने में लगे थे, अब उनकी बारी है। उन्हें जल्द बुलाया जाएगा।
बता दें कि अनूप सिंह शनिवार करीब 11 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे और देर रात तक पूछताछ की गयी। ईडी ने उनसे पूछा कि झारखंड में सरकार गिराने के लिए किसने 10 करोड़ रुपये का ऑफर दिया। उनसे पूछा गया कि क्या यह पेशकश फोन पर की गई थी या शारीरिक रूप से और क्या उन्हें कोई टोकन राशि दी गई थी। उनसे कहा गया है कि अगर उनके पास कुछ भी उपलब्ध हो तो वे साक्ष्य के रुप में उपलब्ध कराये। ईडी ने पूछताछ के दौरान बंगाल पुलिस के सामने दिए गए बयान से भी जानकारी ली. ईडी ने अनूप सिह से पूछा क्या पार्टी तोड़ने की पेशकश के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को सूचित किया था या नहीं और क्या कार्रवाई की गई थी। क्या पूर्व में भी उनसे संपर्क किया गया था। इस दौरान कोतवाली थाने में वर्ष 2020 में दर्ज प्राथमिकी का हवाला दिया गया।
बंगाल पुलिस ने तीन कांग्रेस विधायक को किया था गिरफ्तार
बंगाल पुलिस ने काग्रेस विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सेल कोंगारी को 30 जुलाई को 48 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। मामले में काग्रेस विधायक जयमंगल सिंह ने अरगोड़ा थाने में जीरो एफआईआर दर्ज कर दावा किया कि इन विधायकों ने उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए 10 करोड़ रुपये की पेशकश की थी। हालांकि आरोपी विधायक स्वीकार किया कि नकदी उनकी थी। जिसे वे लोगों के बीच बांटने के लिए साड़ियां खरीदने के लिए ले जा रहे थे। जयमंगल सिंह ने दावा किया था विधायकों ने उनसे कहा कि हिमंत बिस्वा सरमा उन्हें करोड़ो रूपये के अलावा मंत्री पद भी देंगे. आरोपी विधायक से बंगाल पुलिस ने पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। बाद में ईडी ने भी इस मामले को टेकओवर किया। वही जयमंगल को 24 दिसम्बर को पुछताछ के लिये समन भेजा गया था।