बोकरो के बालीडीह औद्योगिक क्षेत्र बियाड़ा में भारत पेट्रोलियम के बॉटलिंग प्लांट परिसर में पिछले तीन वर्षों से आदिवासियों का सबसे बड़ा धर्म स्थल सरना स्थान कैद में है। जिस कारण आदिवासी परिवार यहां पूजा पाठ नहीं कर पा रहे हैं। वहीं सरना स्थान के स्थानीय आदिवासियों का दावा है कि अभी तक 50 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। आज सरना स्थल में पूजा पाठ और इसे बाहर स्थापित करने एवं स्थानीय बेरोजगारों को नियोजन देने की मांग को लेकर प्लांट के मुख्य गेट को जिला परिषद सदस्य की अगुवाई में स्थानीय आदिवासियों ने जाम कर दिया। इस दौरान सभी ने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की और इसे प्रबंधन की मनमानी बताते हुए आदिवासियों के धर्म के साथ खिलवाड़ बताया।
भाजपा की जीत का घोड़ा आरक्षित सीटों ने रोका, 2023 में यही सबसे बड़ी चुनौती
इस कारण मर रहे हैं बाल बच्चे
स्थानीय महिलाओं का कहना है कि जनवरी के 1 तारीख से लेकर 10 तारीख तक समाज परिसर में स्थित धरना स्थल से मिट्टी ले जाकर अपने रीति रिवाज से दूसरे जगह सरना स्थल स्थापित कर सकते हैं। जिसके लिए कई विधि विधान है। महिला ने कहा कि जब हमारे बाल बच्चे इस कारण मर रहे हैं तो आखिर हम महिला रह कर क्या करेंगे। लेकिन प्रबंधन के पास हम लोग लगातार इसके लिए आ रहे हैं लेकिन प्रबंधन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है हम चाहते हैं कि हमारे सरना स्थल को बाहर स्थापित करने में प्रबंधन हमारी मदद करें।
आदिवासियों की संस्कृति को बचाने का करें काम
वहीं जिला परिषद सदस्य निशा हेंब्रम ने कहा कि यह आदिवासियों के धर्म के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है हम चाहते हैं कि प्रबंधन और सरकार इस पर ध्यान दें और आदिवासियों की संस्कृति को बचाने का काम करें। कहा कि राज्य सरकार 75 फ़ीसदी स्थानीय बेरोजगारों को निजी कंपनियों में नौकरी देने की घोषणा कर चुकी है। लेकिन प्रबंधन स्थानीय लोगों को रखने के बजाय उन्हें काम से निकालने का काम कर रही है। वही मौके पर पहुंचे बालीडीह थाना के एएसआई महेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्व से किसी तरह की सूचना गेट जाम को लेकर नहीं थी प्रबंधन से इनकी बात कराई जाएगी सरना स्थल को लेकर भी प्रबंधन से इनको बात कराने का काम किया जाएगा।