साल 2024 में होनेवाले लोकसभा चुनाव के लिए सीएम नीतीश कुमार विपक्षी पार्टियों के गोलबंद करने की बात को दोहराते रहते हैं। कुछ महीनों पहले वो विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं से मिल कर विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश करते भी दिखे थे। हालांकि उनका ये प्रयास कितना सफल रहा ये बात अभी सवालों के घेरे में ही है। दावे वास्तविकता से दूर-दूर तक मेल खाते नहीं दिख रहे हैं। एक ओर जहां सीएम नीतीश कुमार ‘विपक्ष जोड़ो अभियान’ में लगे हुए हैं। वहीं भाजपा की नजर नीतीश कुमार की पार्टी को तोड़ने पर टिकी हुई है। जिसका प्रमाण भाजपा नेताओं के बयान से मिल रहा है। ऐसा लग रहा जैसे भाजपा ‘JDU तोड़ो अभियान’ में लगी हुई है।
नीतीश सरकार में अफसरशाही हावी, जनता दरबार में खुली पोल
BJP का दावा-संपर्क में हैं JDU के नेता
पूर्व उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता तारकिशोर प्रसाद ने दावा किया कि जेडीयू के कई नेता भाजपा के संपर्क में है। उन्होंने कहा कि जेडीयू के कई नेता नीतीश कुमार के स्टैंड से खुश नहीं है। उनमें भगदड़ की स्थिति बनी हुई है। जेडीयू के सासंदों को पता है कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की बदौलत ही चुनाव जीता था। ऐसे में उन्हें अपने आने वाले भविष्य को लेकर चिंता है।नीतीश कुमार को लगता है कि वो जिस नाव की सवारी कर रहे हैं वो किनारे तक लग जाएगा लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है उनका डूबना तय है। उन्होंने कहा कि समय के साथ साथ जदयू के कई सांसद और विधायक पाला बदलकर भाजपा का दामन थाम लेंगे।
नीतीश कुमार द्वारा राहुल गांधी के नेतृत्व स्वीकार होने वाले बयान पर तारकिशोर प्रसाद ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का राजनीतिक भविष्य संकट में और अब वह पूरा देश घूम कर समझ चुके हैं कहीं पर उनके लिए कोई स्थान नहीं है। जिस कांग्रेस को बिहार में 40 लोकसभा सीट में एक सीट मिली थी। उसके नेतृत्व में अगर जेडीयू चुनाव लड़ेगी तो जेडीयू के सांसदों की स्तिथि क्या होगी ये उन्हें पता है। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्थिति न घर के न घाट के वाली हो चुकी है।