बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हुई। इस मुद्दे पर सियासी गलियारे में खूब हलचल देखने को मिली। सदन से सड़क तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विरोध चला। वही जहरीली शराबकांड का मामला अब सुप्रीम में भी पहुंच गया है। इसके साथ ही मामले की जांच के लिए अब CID ने भी एंट्री ले ली है।
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पुलिस मुख्यालय ने जारी किया आदेश
इस मामले में पुलिस मुख्यालय ने एक आदेश जारी किया है। जिसके मुताबिक सारण जहरीली शराबकांड में CID आगे की जांच करेगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि छपरा के मशरख और इसुआपुर थाने में दर्ज केस की जांच अब CID के तहत मद्य निषेध इकाई करेगी। दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचक दायर की गई है जिसकी सुनवाई 9 जनवरी को होगी। इस याचिका में जहरीली शराब से हुए मौत को लेकर पीड़ित परिवार को मुआवजे की बात कही गई है, इसके साथ ही जांच के लिए SIT की जांच का भी जिक्र है।
जो पिएगा वो मरेगा- नीतीश कुमार
आपको बता दें कि जिस वक्त बिहार के सारण में शराबकांड हुआ था उस वक्त बिहार विधानसभा एवं लोकसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इस मुद्दे को लेकर बिहार विधानसभा सत्र में विपक्षों द्वारा बिहार सरकार का खूब विरोध किया गया। विपक्ष द्वारा पीड़ित परिवारों के मुआवजा को लेकर कड़ी मांग कर रही थी। यहां तक कि यह मुद्दा लोकसभा में भी चला। लेकिन नीतीश कुमार ने सत्र के दौरान कहा था कि शराबबंदी वाले राज्य बिहार में शराब से मरने वालो को कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि जो पिएगा वो मरेगा। अब मुआवजा ना देने को लाकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इसके साथ ही मामले की छानबीन CID भी करेगी। इससे पहले मानवाधिकार आयोग की टीम ने भी छपरा पहुंच कर इस मामले की जांच की थी।